अहसन मारहरवी, सय्यद अ’ली अहसन (1876-1940)‘दाग़’ देहलवी के शागिर्द थे और कई साल हैदराबाद में उस्ताद के साथ गुज़ारे। उ’म्र के आख़िरी बरसों के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उर्दू के उस्ताद रहे। मुशाएरों में गलेबाज़ी के बढ़ते चलन से नाराज़ रहते थे।
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