مضطر خیر آبادی اپنی شاعری میں درد و کرب اور جذبات و احساسات کی بہترین ترجمانی کے لئے مشہور ہیں۔ان کی کئی تصانیف ہیں جن کو ادبی دنیا میں کافی سراہا گیاہے۔"الہامات" مضطر خیر آبادی کا شعری مجموعہ ہے۔ جس میں ان کی غزلیں اور کچھ متفرقات شامل ہیں۔
सय्यद इफ़्तिख़र हुसैन मुज़्तर ख़ैराबादी 1869 में, ज़िला सीतापूर (उत्तर प्रदेश) के मश्हूर क़स्बे ख़ैराबाद के, विद्वानों के घराने में पैदा हुए। शिक्षा-दीक्षा उनकी माँ ने, की जो अरबी, फ़ारसी और उर्दू की विद्वान और शाइ’रा थीं। ‘मुज़्तर’ अपनी शुरू’ की शाइ’री अपनी माँ ही को दिखाते थे, मगर बा’द में ‘अमीर’ मीनाई को उस्ताद बनाया, हालाँकि ये उस्तादी सिर्फ़ एक ग़ज़ल तक सीमित थी। ‘मुज़्तर’ ने टोंक, ग्वालियर, रामपूर, भोपाल और इंदौर के रजवाड़ों और रियासतों में नौकरियाँ कीं। मश्हूर शाइ’र और फ़िल्म-गीतकार जाँ-निसार अख़्तर उनके बेटे थे और फिल्म-कथाकार, गीतकार और शाइ’र जावेद अख़्तर उनके पोते हैं।
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