aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
इरफ़ान सिद्दीक़ी 08 जनवरी 1939 को बदायूँ (उत्तर प्रदेश) में पैदा हुए। बदायूँ और बरेली में शिक्षा प्राप्त की और समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन किया। 1962 में वो सेंट्रल इन्फ़ार्मेशन सर्विस के लिए चुने गए, पी.आई.बी में नियुक्ति मिली और 1997 में डिप्टी प्रिंसिपल इन्फ़ार्मेशन ऑफीसर के पद से सेवा निवृत्त हुए। 1964 में श्रीमती सय्यदा हबीब से शादी हुई। 15 अप्रैल 2004 को लखनऊ में देहांत हुआ। इरफ़ान सिद्दीक़ी का पहला कविता संग्रह ‘कैन्वस’ 1978 में प्रकाशित हुआ जिसके बा’द शब-दर्मियाँ (1984), सात समावात (1992), इ’श्क़-नामा (1997) और हवा-ए-दश्त-ए-मारिया (1998) का प्रकाशन हुआ। उनके दो कुल्लियात (संग्रह) में से ‘दरिया’ 1999 इस्लामाबाद से और ‘शह्र-ए-मलाल’ 2016 में देहली से प्रकाशित हुआ। उनकी अन्य किताबों में ‘अ’वामी तर्सील’ (1977) और ‘राब्ता-ए-आ’म्मा’, (1984) ‘रुत-सिंघार’ (कालिदास के नाटक ऋतु संघारम का उर्दू अनुवाद), मालविका आग्नि मित्रम (कालिदास के नाटक का उर्दू अनुवाद) और ‘रोटी की ख़ातिर’ (अरबी उपन्यास का उर्दू अनुवाद) शामिल हैं। उन्हें उर्दू अकादमी उत्तर प्रदेश और ग़ालिब इंस्टीट्यूट, देहली के सम्मान प्राप्त हुए।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets