by ख़ालिद महमूद ख़ान
तनक़ीदी नज़रयात ओ मुतालेआत
जिनीयाती तनक़ीद, मारक्सी तनक़ीद, फ़्रायडी तनक़ीद, रूसी हैयत पसंदी, कार्नीवाल; नज़रिया ओ तनक़ीद
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
जिनीयाती तनक़ीद, मारक्सी तनक़ीद, फ़्रायडी तनक़ीद, रूसी हैयत पसंदी, कार्नीवाल; नज़रिया ओ तनक़ीद
ख़ालिद महमूद ख़ान की यह किताब "तनक़ीदी नज़रयात ओ मुतालेआत" आधुनिक साहित्यिक तनक़ीदी नज़रयातों पर मज़ामीन का एक मजमूआ है। इसमें जिनीयाती तनक़ीद, मारक्सी तनक़ीद, फ़्रायडी तनक़ीद, रूसी हैयत पसंदी और कार्नीवाल के नज़रिए पर गहराई से बहस की गई है, जो नज़रियाती बसीरतें और अदबी मतून पर उनके अमली इत्लाक़ात फ़राहम करती है। 2023 में एक ई-बुक के तौर पर शाया होने वाली यह किताब, अदबी तरीक़ा-ए-कार में दिलचस्पी रखने वाले उर्दू अदब के तालिबे इल्मों के लिए एक जामअ माख़ज़ है।
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here