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मोहम्मद तहसीन, जिन्हें अदबी दुनिया में तहसीन मुरादाबादी के नाम से जाना जाता है, उर्दू-हिंदी अदब का एक रचनात्मक और बहुपक्षीय नाम हैं। इनका जन्म 2 मई 1958 को मोहल्ला फ़ील ख़ाना, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ। माता का नाम इशारा ख़ातून और पिता का नाम मोहम्मद यासीन है। इन्होंने उर्दू शायरी की तालीम अपने उस्ताद, अल्लामा निज़ाम हातिफ़ शेरकोटी से हासिल की।
तहसीन मुरादाबादी का रचना-संसार ग़ज़ल, नज़्म, नात, तर्जुमा, धार्मिक साहित्य और आलोचना तक फैला हुआ है। उन्होंने उर्दू, हिंदी, रोमन और अंग्रेज़ी लिपियों में लेखन किया है। उनकी प्रमुख कृतियों में तहसीन-ए-ग़ज़ल, दीवान-ए-तहसीन, हिंदी में तहसीन सतसई, उर्दू अदब में पहला हज़ारा, क़ायनात-ए-तहसीन, क़ुर्आन फ़हमी, इनद्धनुष, और ग़ज़ल पाठ वाला जैसी पुस्तकें शामिल हैं। विशेष उल्लेखनीय है उनका कार्य संसार में पहला मंज़ूम दौह तर्जुमा-ए-कलाम-ए-पाक।
उन्हें अल्ताफ़ हुसैन हाली सम्मान, जिगर सम्मान, कबीर दास सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। वे भारतीय अदब परिषद के संरक्षक भी हैं। उनके शिष्यों में शायर मुरादाबादी, ख़ावर चंगेज़ी हसनपुरी, इजाज़ बिजनौरी और शुभम कश्यप जैसे नाम शामिल हैं, जो उनके अदबी असर और मार्गदर्शन को आगे बढ़ा रहे हैं।