aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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लेखक : सफ़ी औरंगाबादी

संपादक : ख़्वाजा हमीदुद्दीन शाहिद

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : एजाज़ प्रिंटिंग प्रेस, हैदरबाद

प्रकाशन वर्ष : 1956

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : जीवनी, शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : शायरी

पृष्ठ : 68

सहयोगी : असलम महमूद

yadgar-e-safi

लेखक: परिचय

सफ़ी औरंगाबादी, बहाउद्दीन, बहबूद अ’ली (1893-1954)मनमौजी आदमी थे। उन के पिता उन्हें हकीम बनाना चाहते थे मगर उन्होंने ता’लीम पूरी नहीं की और कहीं नौकरी करने लगे। कई नौकरियाँ करने के बा’द सब कुछ छोड़ दिया और अपने शागिर्दों की मदद पर तकिया किया। शादी नहीं की।

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