नज़्में
नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।
हिन्दुस्तान की नई आवाज़ों में एक नुमायाँ नाम, ग़ज़ल में ताज़गी और नयापन, नौजवानों में बेहद मक़बूल