ख़्वाजा इमामी अमानी के शेर
अल्लाह-रे सनम ये तिरी ख़ुद-नुमाईयाँ
इस हुस्न-ए-चंद-रोज़ा पे इतना ग़ुरूर हो
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टैग : हुस्न
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