Quotes of Musharraf Alam Zauqi
ये कायनात बेहद हसीन है मगर उनके लिए जो जीना जानते हैं।
उर्दू ज़बान-ओ-अदब ने मुझे जीने का सलीक़ा सिखाया है।
मैं वो शख़्स हूँ जिसने अपनी ज़िंदगी का हर दिन अदब की आग़ोश में गुज़ारा है।
सच्ची ख़ुशी हमेशा लिखने से होती है। मैं हर नई तख़लीक़ पर बच्चों की तरह ख़ुश हो जाता हूँ
बीवी से बड़ी नायिका या हीरोइन कोई नहीं है। फिर आप दूसरी औरतों के सामने तो रूमानी हो सकते हैं बीवी के सामने क्यों नहीं?!
मैं मंज़िलों की परवाह नहीं करता, मेरी हर तख़लीक़ मेरे लिए एक नई मंज़िल है।
इन्'आम-ओ-एज़ाज़ मुझे ख़ुश नहीं करते और ना इस बारे में मैं सोचता हूँ और ना ही मुझे इनकी ज़रूरत है।