उपनाम : 'सूफ़ी'
मूल नाम : सय्यद अ’ली नक़ी ज़ैदी
सफ़ी लखनवी, सय्यद अ’ली नक़ी ज़ैदी (1862-1950)सफ़ी लखनवी 19वीं सदी के आख़िरी बरसों के दौरान होने वाली लखनवी शाइ’री से मुतमइन नहीं थे, इसी लिए उन्होंने मीर तक़ी ‘मीर’ का रंग पकड़ा और पेचेदगी की जगह सादगी पैदा की। दूसरी तरफ़ शाइ’री के सुधारवादी आंदोलन के असर में आकर नए तर्ज़ की नज़्में लिखीं।