तरुणा मिश्रा दौरे हाज़िर में निस्वानी जज़्बात की मक़बूल शायरा हैं । फिज़िक्स से पोस्ट ग्रेजुएट तरुणा जी ने कई सालों तक स्कूल में लेक्चरर रहते हुए बच्चों को पढ़ाया लेकिन कुछ सालों बाद ख़राब तबियत के चलते टीचिंग छोड़ना पड़ी और उसके बाद आपने ख़ुद को लेखन से जोड़ लिया और ग़ज़ल को अपना हमराह कर लिया।