aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
| Author: | Jamal Ehsani |
| Language: | Hindi |
| Publisher: | Rekhta Publications |
| Binding: | Paperback (140 pg) |
| Year: | 2018 (1st Edition) |
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जमाल एहसानी की शाइरी परम्परा के विरुद्ध और परम्परा से दूर भागती हुई आधुनिकतावादी शाइरी के बीच एक चीज़ है जो चौंकाती है और अपने कुछ लम्हों में हैरान करती है. उनकी इस अनोखी काव्य-शैली ने उन्हें कम वक़्त में काफ़ी लोकप्रियता दिलाई| "अकेलेपन की इन्तिहा" जमाल एहसानी की चुनिन्दा शायरी का संकलन है जो देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और इसे पाठकों का भरपूर प्यार मिला है|
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