aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Author: | Ameer Imam |
Language: | Hindi |
Publisher: | Rekhta Publications |
Binding: | Paperback (144 pg) |
Year: | 2018 (1st Edition) |
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प्रस्तुत किताब रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा सीरीज़’ की शक्ल में ‘रेख़्ता बुक्स’ की नई पेशकश है। इस किताब में उर्दू शाइ’री की नवोदित प्रतिमाओं में से एक अमीर इमाम की शाइरी का इन्तिख़ाब शामिल है। उनकी शाइरी में मोहब्बत के नए मौज़ूआत शामिल होते हैं मगर उनमें रवायती शाइरी का ज़ाइक़ा भी देखने को मिलता है। ‘सुब्ह-बख़ैर ज़िन्दगी’ अमीर इमाम की शाइ’री का देवनागरी लिपि में दूसरा संग्रह है। इससे पहले उनका पहला संग्रह उर्दू और देवनागरी लिपियों में ‘नक़्श-ए-पा हवाओं के’ के नाम से 2013 में प्रकाशित हुआ था, जिस पर साहित्य अकादमी का युवा साहित्य पुरस्कार भी मिला था।