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असअ'द बदायुनी

1952 - 2003 | अलीगढ़, भारत

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, साहित्यिक पत्रिका दायरे के संपादक।

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, साहित्यिक पत्रिका दायरे के संपादक।

असअ'द बदायुनी के ऑडियो

ग़ज़ल

अजब दिन थे कि इन आँखों में कोई ख़्वाब रहता था

नोमान शौक़

अभी ज़मीन को सौदा बहुत सरों का है

नोमान शौक़

कहते हैं लोग शहर तो ये भी ख़ुदा का है

नोमान शौक़

जो अक्स-ए-यार तह-ए-आब देख सकते हैं

नोमान शौक़

मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ

नोमान शौक़

मिरे लोग ख़ेमा-ए-सब्र में मिरे शहर गर्द-ए-मलाल में

नोमान शौक़

मिरे शजर तुझे मौसम नया बनाते रहें

नोमान शौक़

मिरी अना मिरे दुश्मन को ताज़ियाना है

नोमान शौक़

मौसम-ए-हिज्र तो दाइम है न रुख़्सत होगा

नोमान शौक़

वक़्त इक दरिया है दरिया सब बहा ले जाएगा

नोमान शौक़

वो एक नाम जो दरिया भी है किनारा भी

नोमान शौक़

शाख़ से फूल से क्या उस का पता पूछती है

नोमान शौक़

सुख़न-वरी का बहाना बनाता रहता हूँ

नोमान शौक़

सब इक चराग़ के परवाने होना चाहते हैं

नोमान शौक़

नज़्म

एक नज़्म

नोमान शौक़

जो लोग रातों को जागते थे

नोमान शौक़

तल्ख़ियाँ

नोमान शौक़

बारिश की नज़्म

नोमान शौक़

ये जो शाम ज़र-निगार है

नोमान शौक़

हम अहल-ए-ख़ौफ़

नोमान शौक़

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