aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "sar"
है अजीब आलम-ए-सरख़ुशी न शकेब है न शिकस्तगीकभी मंज़िलों से गुज़र गए कभी रहगुज़र की तलाश है
आज है 'हाफ़िज़-ए-'शीराज़ी'-ओ-'ख़य्याम'-ओ-'नज़ीरी'-ओ-'फ़ुग़ानी'-ओ-'ज़ुहूरी' का जवाबये तिरा 'जोश' कि है मस्त-ओ-ख़राबाती-ओ-सर-हल्क़ा-ए-रिंदान-ए-जहाँ क़िबला-ए-ख़ासान-ए-बहार
ये जिस ने जान दी है नान देगादिया है जिस ने सर सामान देगा
क़लम हो जाए सर पर्वा न करनाअमीर-ए-शहर को सज्दा न करना
कुछ उन के लिए हाथ उठा और दुआ कर‘सरताज’ तिरे इन दिनों बीमार बहुत हैं
सर पे जो मयस्सर नहीं है चादर-ए-ततहीरइस ज़ुल्म-ए-यज़ीदी पे फ़लक नौहा-कुनाँ है
तेरी तलाश में हैं मिरे साथ सरगिराँमेरी हयात-ओ-मौत का सौदा-ए-ख़ाम देख
ये बे-नवाई हमारी सौदा-ए-सर है घर में बसा दिया हैमकान ख़ाली है लेकिन इस को निगार-ख़ाना बना दिया है
इश्क़-ओ-जुनूँ में ज़ीस्त को बर्बाद कर चुकाकहते हैं लोग 'मज़हर'-ए-आशुफ़्ता-सर मुझे
कब कर दें सैराब किसी को वो, उन केसर से घटाएँ लिपटी हैं गेसू बन कर
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