aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "zam"
ख़ुदा के घर में क्या है काम ज़ाहिद बादा-ख़्वारों काजिन्हें मिलती नहीं वो तिश्ना-ए-ज़मज़म भी होते हैं
का'बे में बोतल खुले मौक़ा कहाँज़मज़मी से आज ढाली जाएगी
लब-ए-फ़ुरात रहे प्यासे वारिस-ए-ज़मज़मशिकार अकेला नहीं मैं ही तिश्ना-कामी का
बदले बोतल के अब हरम में 'रियाज़'हाथ में ज़मज़मी सी रहती है
ये दाग़-ए-मय हैं बुरे फैलते सर-ए-दामनजो आब-ए-ज़मज़म-ओ-कौसर से हम वुज़ू करते
तेज़ है पीने में हो जाएगी आसानी मुझेज़मज़मी से दे दे ज़ाहिद तो ज़रा पानी मुझे
जो बक़ा में वारिस-ए-कौसर हुएवो फ़ना में वारिस-ए-ज़मज़म भी हैं
आग बन कर जाम में आएगी मयज़मज़मी में हो के पानी जाएगी
दिल में है जल्वा-कुनाँ चाह-ए-ज़नख़दाँ का ख़यालऐन का'बे में नज़र चश्मा-ए-ज़मज़म आया
ज़मज़मी में जाम-ए-मय में गिर गया पानी सिवाथी मिरी क़िस्मत में जैसी आज सब पानी हुई
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