aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ",Egr5"
अबुल उलाई प्रेस, आगरा
पर्काशक
मतबा मुफ़ीद-ए-आम, आगरा
शम्सी प्रेस, आगरा
आगरा अख़बार प्रेस, आगरा
ग़ुलाम रब्बानी आगरो
संपादक
सुपर टेन्डन्ट प्रिन्टिग प्रेस, आगरा
लेखक
एग्रो प्रिनटर्स, हैदराबाद
मतबा अज़ीज़ी, आगरा
मतबा शौकत शाहजहानी, आगरा
श्री राम मेहरा एण्ड कम्पनी, आगरा
मतबा आफ़ताब, आगरा
मतबूआ आर्मी प्रेस, आगरा
मतबा सतप्रकाश, आगरा
अख़बार बर्क़ी प्रेस, आगरा
मत्बा मम्बउन्नूर, आगरा
After all, a ship-wreck is much safer than an air-crash! Don’t you agree? مجھے یہ جان کر بے انتہا خوشی ہوئی کہ تم بھی ہوائی جہاز سے الرجک ہو۔ آج سے تم خود کو بینک کا COVENANTED OFFICER سمجھو۔‘‘...
ज़ुल्मत-ए-शाम-ए-अवध सुब्ह-ए-बनारस का निखारआगरे के ताज की अज़्मत हिमाला का वक़ार
language that the Mahommedans of Upper India, and eventually the Mahammedans of the Deccan, developed out the Hindi dialect of the Doab chiefly, and the territory around Agra and Delhi, with a mixture of Persian vocables and phrases, and a readiness to adopt foreign words. Also called Oordoo, i.e., the...
Ismail, known as Ishmael in the Christian narrative, is also mentioned in Judaism. He was the son of Hajra (Hagar) and Ibrahim (Abraham). Hajra had the premonition of his birth and the name he should be given. There are two oft-quoted happenings from Ismail’s life. One relates with his thirst...
Isa, also known as Jesus in the Biblical narrative, was the penultimate Prophet and the son of Maryam (Mary). He was miraculously born to Maryam, a virgin. He is a significant figure in Islam with the the Quran mentioning him ninety-three times in various chapters. It is said that Isa...
अहमद फ़राज़ पिछली सदी के प्रख्यात शायरों में शुमार किए जाते हैं। अपने समकालीन में बेहद सादा और अद्वितीय शैली की वजह से उनकी शायरी ख़ास अहमियत की हामिल है। रेख़्ता फ़राज़ के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर पेश कर रहा है जिसने पाठकों पर जादू ही नहीं किया बल्कि उनके दिलों को मोह लिया । इन शेरों का चुनाव बहुत आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी फ़राज़ के बहुत से लोकप्रिय शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में आपकी राय का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
शहरों को मौज़ू बना कर शायरों ने बहुत से शेर कहे हैं, तवील नज़्में भी लिखी हैं और शेर भी। इस शायरी की ख़ास बात ये है कि इस में शहरों की आम चलती फिरती ज़िंदगी और ज़ाहिरी चहल पहल से परे कहीं अन्दुरून में छुपी हुई कहानियाँ क़ैद हो गई हैं जो आम तौर पर नज़र नहीं आतीं और शहर बिलकुल एक नई आब-ओ-ताब के साथ नज़र आने लगते हैं। आगरा पर ये शेरी इन्तिख़ाब आप को यक़ीनन उस आगरा से मुतआरिफ़ करायेगा जो वक़्त की गर्द में कहीं खो गया है।
ogreogre
आदम-ख़ोर देव
agreeagree
राज़ी होना
आगरुآگرو
دانے جو گرمی سے زبان منہ یا ہونٹوں پر نکلیں
अगरोاَگْرو
आगे। पहले।
Agra Bazar
हबीब तनवीर
नाटक / ड्रामा
Agra, Akhbar Aur Uska Darbar
सय्यद माेहम्मद लतीफ़
भारत का इतिहास
सामाजिक
Ghalib Number
नियाज़ फ़तेहपुरी
निगार, आगरा
मुरक़्क़ा-ए-अकबराबाद
सईद अहमद मारहरवी
इतिहास
आगरा और आगरे वाले
मयकश अकबराबादी
लेख
आगरा में उर्दू सहाफ़त
सय्यद इख़्तियार जाफ़री
पत्रकारिता
Ghalib Aur Agra
शाहिद माहुली
Shumara Number-009
मोहम्मद सादिक़ ज़िया
Jul 1935शाइर, आगरा
March: Shumara Number-005
सबा अकबराबादी
आज़ाद, आगरा
Qanoon-e-Malguzari Mamalik-e-Muttahida Agra-o-Awadh
अननोन एडिटर
संविधान / आईन
Muraqqa-e-Akbarabad
Jamia Urdu Agra
Shumara Number-003
नवाब इमाद नवाज़ जंग बहादुर
Mar 1894हसन, आगरा
आगरे आओ ताज को देखोकल को देखो आज को देखो
हम-सफ़र मेरी भी इक मुम्ताज़ है जिस के तुफ़ैलआगरे के ताज सा है मेरे काशाने का रंग
हमारे दिल में मोहब्बत मुक़ीम है अब भीक़ियाम-ए-ताज-महल कब था आगरे से अलग
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