आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",Nijt"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ",nijt"
नज़्म
इबलीस की मजलिस-ए-शूरा
नीस्त पैग़मबर व-लेकिन दर बग़ल दारद किताब
क्या बताऊँ क्या है काफ़िर की निगाह-ए-पर्दा-सोज़
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
ख़ुद जो न होने का हो अदम क्या उसे होना कहते हैं
नीस्त न हो तो हस्त नहीं ये हस्ती क्या हस्ती है
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
उस के कूचे में है नित सूरत-ए-बेदाद नई
क़त्ल हर ख़स्ता बा-अंदाज़-ए-दिगर होता है
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
अन्य परिणाम ",nijt"
नज़्म
मुझे सोचने दे
हर तरफ़ आतिश ओ आहन का ये सैलाब-ए-आज़ीम
नित-नए तर्ज़ पे होती हुई दुनिया तक़्सीम
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
हर क़दम पर नित-नए साँचे में ढल जाते हैं लोग
देखते ही देखते कितने बदल जाते हैं लोग
हिमायत अली शाएर
शेर
सभी इनआम नित पाते हैं ऐ शीरीं-दहन तुझ से
कभू तू एक बोसे से हमारा मुँह भी मीठा कर
जुरअत क़लंदर बख़्श
ग़ज़ल
नित नित का ये आना जाना मेरे बस की बात नहीं
दरबानों के नाज़ उठाना मेरे बस की बात नहीं