aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "اسلوب"
अस्लूब अहमद अंसारी
1925 - 2016
लेखक
मकतबा-ए-उसलूब, कराची
पर्काशक
इदारा-ए-ज़बान-ओ-उस्लूब, अलीगढ़
उसलूब पब्लिशर्स, श्रीनगर
नादिर उस्लूबी
डूब कर मरना भी उसलूब-ए-मोहब्बत हो तो होवो जो दरिया है तो उस को पार होना चाहिए
वो ग़ज़ल वालों का उस्लूब समझते होंगेचाँद कहते हैं किसे ख़ूब समझते होंगे
गुफ़्तार के उस्लूब पे क़ाबू नहीं रहताजब रूह के अंदर मुतलातुम हों ख़यालात
आख़िर 'ज़फ़र' हुआ हूँ मंज़र से ख़ुद ही ग़ाएबउस्लूब-ए-ख़ास अपना मैं आम करते करते
यही आईन-ए-क़ुदरत है यही उस्लूब-ए-फ़ितरत हैजो है राह-ए-अमल में गामज़न महबूब-ए-फ़ितरत है
नूनमीम राशिद उर्दू के प्रमुख शायरों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी ख़ूबसूरत और सजावटी शैली से इस विधा को वास्तविक पहचान दी है। इस संग्रह में उनकी कविताओं के चयन के साथ-साथ उन कविताओं की नाटकीय रिकॉर्डिंग भी शामिल है, ताकि आप इन नज़्मों को सुन कर भी लुत्फ़ उठा सकें।
मिर्ज़ा ग़लिब ने कई पीढ़ियों के शायरों को मुतास्सिर किया है| शायर उनके मज़ामीन, उस्लूब और ज़बान से काफ़ी कुछ सीखते रहे | यही वजह है कि शायरों ने उनकी ज़मीन में कई ग़ज़लें कही और अपना ख़िराज पेश किया | हम ऐसी ही चंद ग़ज़लें आपके साथ आपके साथ साझा कर रहे हैं |
अहमद फ़राज़ पिछली सदी के प्रख्यात शायरों में शुमार किए जाते हैं। अपने समकालीन में बेहद सादा और अद्वितीय शैली की वजह से उनकी शायरी ख़ास अहमियत की हामिल है। रेख़्ता फ़राज़ के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर पेश कर रहा है जिसने पाठकों पर जादू ही नहीं किया बल्कि उनके दिलों को मोह लिया । इन शेरों का चुनाव बहुत आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी फ़राज़ के बहुत से लोकप्रिय शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में आपकी राय का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
उस्लूबاسلوب
way, style, manner, method
पद्धति, शैली, ढंग, आचरण, वज़ा, व्यवहार, तर्जेअमल।
Urdu Ke Pandrah Novel
फ़िक्शन तन्क़ीद
Usloob
सय्यद आबिद अली आबिद
आलोचना
Ajaibaat-e-Farang
यूसुफ़ खां कम्बल पोश
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
Zaban Usloob Aur Usloobiyat
मिर्ज़ा ख़लील अहमद बेग
भाषा
Urdu Afsane Mein Usloob Aur Technic Ke Tajrabat
फ़ौज़िया असलम
अफ़साना तन्क़ीद
Iqbal Ki Tera Nazmein
शायरी तन्क़ीद
Usloob Aur Usloobiyat
तारिक़ सईद
शोध एवं समीक्षा
मन्टो का उसलूब
ताहिरा इक़बाल
अबुल कलाम आज़ाद का उस्लूब-ए-निगारिश
अब्दुल मुग़नी
Abul Kalam Ke Afsane
अबुल कलाम आज़ाद
कि़स्सा / दास्तान
Takhliqi Amal Aur Usloob
मोहम्मद हसन असकरी
रशीद अहमद सिद्दीक़ी के उसलूब का तजज़ियाती मुताला
ख़्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन
Woh Baizawi Tasweer
एडगर एलन पो
कहानी
Atraf-e-Rasheed Ahmad Siddiqi
मैं ख़्वाब नहीं आप की आँखों की तरह थामैं आप का लहजा नहीं उस्लूब रहा हूँ
2 इत्तिफ़ाक़ से एक रोज़ दाया को बाज़ार से लौटने में ज़रा देर हो गई। वहाँ दो कुंजड़िनों में बड़े जोश-ओ-ख़रोश से मुनाज़िरा था। उनका मुसव्विर तर्ज़-ए-अदा। उनका इश्तिआ’ल अंगेज़ इस्तिदलाल। उनकी मुतशक्किल तज़हीक। उनकी रौशन शहादतें और मुनव्वर रिवायतें उनकी तअ’रीज़ और तर्दीद सब बेमिसाल थीं। ज़हर के दो...
अलियासफ़ अपने हाल पर रोया और बंदरों से भरी बस्ती से मुँह मोड़ कर जंगल की सम्त निकल गया कि अब इस बस्ती उसे जंगल से ज़्यादा वहशत भरी नज़र आती थी। और दीवारों और छतों वाला घर उसके लिए लफ़्ज़ की तरह मानी खो बैठा था। रात उसने दरख़्त...
ज़िंदगी का बंधा है कुछ उस्लूबरंज राहत से गर बदल जाये
جوش طوفاں کا دکھا کر وہ خوش اسلوب گئیخوں کے دریا میں ہر اک کشتیٔ تن ڈوب گئی
अब मेरी ग़ज़ल का भी तक़ाज़ा है ये तुझ सेअंदाज़-ओ-अदा का कोई उस्लूब नया हो
गदा-गरी भी इक उस्लूब-ए-फ़न है जब मैं नेउसी को माँग लिया उस से इल्तिजा कर के
सुब्ह का सोना ख़ूब नहीं हैअच्छा ये उस्लूब नहीं है
بگڑوں گی گلہ گر کوئی اسلوب کرو گےعباس سے کیا تم مجھے ممجوب کرو گے
इस इबारत में जदीद फ़ैशन की “शायराना” नस्र लिखने वाले “रस्ते” की जगह “डगर”, “अजब” की जगह “अनीला”, “ख़ुश-उस्लूबी” की जगह “सजल पन” या “सजलता”, “अंदाज़” की जगह “भाव” वग़ैरा इस्तेमाल करेंगे और उर्दू नस्र का ख़ून कर देंगे। लेकिन बात पहले इक़तिबास की हो रही थी। हर जुमले के...
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