aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "انارکلی"
यूनाइटेड चौक अनार कली, लाहोर
पर्काशक
मैसर्स राम लाल सूरी एंड संस, अनारकली, लाहौर
अल्बर्ट प्रेस अनारकली, लाहौर
महशर फ़ैज़ाबादी
लेखक
अनातोली मार्चेंको
एच सी हार्टली
अतहर अली बी. ए
“क़सम है भगवान की इन लॉट साहबों के नाज़ उठाते उठाते तंग आगया हूँ। जब कभी इन का मनहूस चेहरा देखता हूँ, रगों में ख़ून खौलने लग जाता है। कोई नया क़ानून-वानून बने तो इन लोगों से नजात मिले। तेरी क़सम जान में जान आ जाये।” और जब एक रोज़...
“जी हाँ, उसका नाम सीमा इफ़्तिख़ार है, मेरा ख़याल है वही है।” उसके वालिद बेतहाशा हँसने लगे, “ख़याल के बच्चे, तुम्हारी शादी उसी लड़की से क़रार पाई है। क्या वो तुम्हें पसंद करती है?”...
अगले दिन मेरे फ़ेल होने वाले साथियों में से खोशिया कौडू और देसो यब यब मस्जिद के पिछवाड़े टाल के पास बैठे मिल गए। वो लाहौर जा कर बिज़नेस करने का प्रोग्राम बना रहे थे। देसो यब यब ने मुझे बताया कि लाहौर में बड़ा बिज़नेस है क्यूँ कि उसके...
उसने कोई झेंप महसूस न की, “एक लड़की है ज़ाहिदा, हमारे पड़ोस में रहती है, बस उससे मुहब्बत होगई है। उम्र सोलह बरस के क़रीब है, बहुत ख़ूबसूरत है और भोली-भाली। चोरी-छिपे उससे कई मुलाक़ातें हो चुकी हैं, उसने मेरी मुहब्बत क़बूल कर ली है।” मैंने उससे पूछा, “तो फिर...
अख़बार “वतन” के एडिटर मौलवी इंशाअल्लाह ख़ाँ अल्लामा के हाँ अक्सर हाज़िर होते थे। उन दिनों अल्लामा अनार कली बाज़ार में रहते थे और वहीं तवाइफ़ें आबाद थीं। म्युनिस्पिल कमेटी ने उनके लिए दूसरी जगह तजवीज़ की। चुनांचे उन्हें वहाँ से उठा दिया गया। उस ज़माने में मौलवी इंशाअल्लाह ख़ाँ...
अनारकलीاَنارکَلی
allusion to Anar Kali-a historical or fictional character of a lady with whom a Prince fell in love
Anarkali
सय्यद इम्तियाज़ अली ताज
रोमांनवी
ताज के ड्रामे - अनारकली पर एक नज़र
रूह अफ्ज़ा रहमान
नाटक इतिहास एवं समीक्षा
साग़र निज़ामी
सआदत हसन मंटो
अफ़साना
Mutala-e-Anarkali
नजमुल हसन अंजुम अदीब
जदीद तुर्की
इतिहास
Europe Ka Firqa-e-Anarchist
अननोन ऑथर
राजनीतिक आंदोलन
Mafhoom Zar
नज़्म
Anarkali Ek Jaiza
हसन अहमद
शोध
Andar ki Awaaz
Main Gawahi Deta Hun
दोनों सहेलियां हौले-हौले हंसीं। जब भीड़ के साथ बाहर निकलीं तो अख़लाक़ उनके पीछे-पीछे हो लिया। वो लड़की जिससे उसको पहली नज़र का इश्क़ हुआ था मुड़-मुड़ कर देखती रही। अख़लाक़ ने इसकी परवाह न की और उनके पीछे-पीछे चलता रहा। उसने तहय्या कर लिया था कि वो उस लड़की...
जोगिंदर सिंह ने फिर अपना अंदेशा ज़ाहिर किया, “मुम्किन है वो हमारी इस दा’वत को ख़ुशामद समझे।” “इसमें ख़ुशामद की क्या बात है और भी तो कई बड़े आदमी आपके पास आते हैं। आप उनको ख़त लिख दीजिए, मेरा ख़याल है वो आपकी दा’वत ज़रूर क़बूल करलेंगे और फिर उनको...
इसी दिसंबर की एक शाम को तफ़रीह क्लब से वापस आते हुए मैं इरादतन अनारकली में से गुज़रा। उस वक़्त मेरी जेब में दस रुपये का नोट था। आटा-दाल, ईंधन, बिजली, बीमा कंपनी के बिल चुका देने पर मेरे पास वही दस का नोट बच रहा था... जेब में दाम...
ज़ाहिद ने “बहुत बेहतर” कहा और अलमारी खोल कर उसमें से अपनी बीवी का पर्स निकाला और दस रुपये का एक नोट लेकर बाज़ार रवाना हो गया कि लुग़त ख़रीद ले। वो कई कुतुब फ़रोश दुकानों में गया... कई लुग़त देखे। बा’ज़ तो बहुत क़ीमती थे जिनकी तीन-तीन जिल्दें थीं।...
पंद-ए-सूद-मंद दूसरे दिन मिर्ज़ा एक नई तर्ज़ के होटल “मांटी कार्लो” के बाल रूम में उतारी हुई तस्वीर दिखाने आए और हर तस्वीर पर हमसे इस तरह दाद उसूल की जैसे मरहठे चौथ उसूल किया करते थे। ये स्पेन की एक स्ट्रिप टेनर डांसर (जिसे मिर्ज़ा उंदूलूसी रक़्क़ासा कहे चले...
मिर्ज़ा बिर्जीस क़द्र को में एक अर्से से जानता हूँ। हर-चंद हमारी तबीअतों और हमारी समाजी हैसियतों में बड़ा फ़र्क़ था। फिर भी हम दोनों दोस्त थे। मिर्ज़ा का तअल्लुक़ एक ऐसे घराने से था जो किसी ज़माने में बहुत मुअज्ज़िज़ और मुतमव्विल समझा जाता था मगर अब उसकी हालत...
मेरी ये हसरत ही रही। मैं उस उम्र को पहुंच गया। मैं अपनी तरफ़ से किसी को न आसानी अता कर सका, न दे सका और मुझे डर लगता है कि न ही आइन्दा कभी उसकी तवक़्क़ो है। जब हम थर्ड इयर में थे तो कृपाल सिंह हमारा साथी था।...
इसके बाद उन्होंने ख़िलाफ़-ए-मा’मूल बातूनी हो कर महताब ख़ां की दास्तान-ए-इश्क़ सुनाना शुरू कर दी। आपने बताया कि महताब ख़ां की उम्र अठारह-उन्नीस बरस के क़रीब है। जैसा कि उसका नाम ज़ाहिर करता है, पठान है काफ़ी हट्टा कट्टा, मगर उसकी दोनों आँखों में लासा लगा हुआ है। चौ बुरजी...
بے در و دیوار ناٹک گھر بنایا چاہیے صحیح نام اور پتہ بتانےسے ہم قاصر ہیں، اس لیے کہ اس میں کچھ پردہ نشینوں کے بھی نام آتے ہیں۔ سردست اتنا اشارہ کافی ہوگا کہ اس تھیٹر کو اداکاروں کی ایک کوآپریٹیو سوسائٹی نقصان باہمی کی بنیاد پر چلا رہی...
"आप ऐसे बाकमाल का नाम भी ऐसा ही होना चाहिए था।" हिंदुस्तानियों और वो भी हिंदुओं से मेल-जोल के बारे में मुझे अपनी वज़ारत की हिदायतें याद आईं और मैंने उसके कान में पड़े हुए दर को देखा। वो निगाहें पहचानता था, कहने लगा, "मेरे कान में आप ये जो...
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