aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بولیاں"
ग़ुलाम अहमद ख़ां बिरयाँ
संपादक
बहार अफ़ज़ा-ए-बोस्ताँ मतबा फ़खरमी
पर्काशक
ये चमन यूँही रहेगा और हज़ारों बुलबुलेंअपनी अपनी बोलियाँ सब बोल कर उड़ जाएँगी
सिर्फ़ लफ़्ज़ों को नहीं अंदाज़ भी अच्छा रखोइस जगत में सिर्फ़ मीठी बोलियाँ रह जाएँगी
उसको औलाद बहुत प्यारी थी जो पैदा हो चुकी थी और जो पैदा होने वाली थी। सब की सब उसे अ’ज़ीज़ थी। वो कैसे अपनी बीवी का ईलाज न कराता? क्या वो इस बच्चे का बाप न था? बाप, पिता, वो तो सिर्फ़ दो महीने के किराए की बात थी।...
निहाल सिंह का तो दिमाग़ चकरा गया। उसे उन ख़बरों से कोई दिलचस्पी नहीं थी। सच पूछिए तो उसे उस जंग से भी कोई दिलचस्पी नहीं थी, जिसमें वो पूरे चार बरस शामिल रहा था। वो चाहता था कि आराम से बहादुर की शादी हो जाये और घर में उसकी...
اپنی اپنی بولیاں سب بول کر اڑ جائیں گے اللہ بس، باقی ہوس...
शायरी में वीरानी हमारी आस-पास की दुनिया की भी है। कभी चमन वीरान होता है, कभी घर और कभी बस्तियाँ। शायर इन सबको एक टूटे हुए दिल और ज़ख़मी एहसास के साथ मौज़ू बनाता है। साथ ही इस वीरानी का दायरा फैल कर दिल की वीरानी तक आ पहुँचता है। इश्क़ का आसेब किस तरह से दिल की सारी रौनक़ों को खा जाता है इस का अंदाज़ा आपको हमारे इस इंतिख़ाब से होगा।
रेख़्ता उर्दू ज़बान के पुराने नामों में से एक नाम है। रेख़्ता के लुग़वी मानी मिली जुली चीज़ के होते हैं। उर्दू ज़बान चूँकि मुख़्तलिफ़ बोलियों और ज़बानों से मिल कर बनी थी इस लिए एक ज़माने में इस ज़बान को रेख़्ता कहा गया। यहाँ आप ऐसे अशआर पढ़ेंगे जिनमें उर्दू को उस के इसी पुराने नाम से पुकारा गया है।
बोलियाँبولیاں
dialects, tongues
Urdu ki Boliyan aur Karkhandari ka Imrani Lisaniyati Mutala
नसीर अहमद
Pak-o-Hind ki Jadi Bootiyan
सूफ़ी लछमन प्रशाद
आयुर्वेद
Hind-o-Pak Ki Jadi Bootiyan
पंडित कृष्ण कुंवर दत्त
Science Ki Roshni Mein Hindustani Jadi Butiyan
Ayurvedic Jadi Bootiyan
डा. जगन्नाथ
Desi Jadi Bootiyan
ग़ुलाम मुहीउद्दीन
Jadi Bootiyan Aur Unke Ajeeb-o-Ghareeb Fawaid
Mughal Darbar Ki Giroh Bandiyan Aur Unki Siyasat
सतीश चंद्र
इतिहास
Hind-o-Pak ki Jadi Bootiyan
मुन्शी मोहम्मद अब्दुल्लाह
Urdu Ki Nai Bastiyan
गोपी चंद नारंग
Urdu Boliyan Aur Karkhandari Ka Imrani Lisaniyati Mutala
’’قبلہ رو جماعت‘‘ سے کھلی ہوئی بات ہے کہ مراد مسلمان ہیں۔ کلام اکبر کا روئے سخن بیشتر اپنی ہی ملت کی جانب رہتا ہے۔ تعلیم اکبری کا یک پہلو یہ بھی ہےکہ اصل الزام خود ہم پر ہے۔ ہم اگر حرص و ہوس کے بندے نہ ہوتے توصیاد جال...
बोलियाँ ज़माने की मुख़्तलिफ़ तो होती हैंलफ़्ज़ प्यार के लेकिन हर ज़बाँ में निकलेंगे
ہندوستان میں آریائی زبان کی تاریخ کے متعلق اکثر یہ خیال ظاہر کیا گیا ہے کہ آج تک ہندوستان کی اتنی مربوط اور مسلسل تاریخ کسی دوسرے ملک میں نہیں ملتی اور ہر دور میں اس کے ارتقا کی نشان دہی واضح مثالوں سے کی جاسکتی ہے۔ اس میں شک...
घुम्मी कबाबी को कौन नहीं जानता। सारा शहर जानता है। जब तक ये ज़िंदा रहा कबाबों की दुनिया में इससे ज़्यादा दिलचस्प कोई कबाबी न था। जामा मस्जिद की सीढ़ियों से लेकर उधर दिल्ली दरवाज़े तक और इधर हबश ख़ां की फाटक तक उसके कबाब चटख़ारे ले-ले कर खाए जाते...
एक जंत्री ख़रीद लो और दुनिया भर की किताबों से बेनियाज़ हो जाओ। फ़ेहरिस्त-ए-ता'तीलात इसमें, नमाज़-ए-ईद और नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ने की तराकीब, जानवरों की बोलियाँ, दाइमी कैलेंडर मोहब्बत के ता'वीज़, अंबिया-ए-कराम की उम्रें, औलिया-ए-कराम की करामतें, लकड़ी की पैमाइश के तरीक़े, कौन सा दिन किस काम के लिए मौज़ूं है। फ़ेहरिस्त-ए-उ'र्स...
वहां जा कर उसने एक फ़लक शगाफ़ नारा बुलंद किया और पटरंगों को जो अपने काम में मसरूफ़ थे ललकारा, “निकलो बाहर, तुम्हारी...” दस-पंद्रह पटरंग लाठियां लेकर बाहर निकल आए और जंग शुरू हो गई। मेरा ख़याल है शैदे गतके और बनोट का माहिर था। उस पर लाठियां बरसाई गईं...
वही आदत है सब की ज़ाग़ जैसीवही बुलबुल सी मीठी बोलियाँ हैं
वो जो दस-पंद्रह औरतें उसके लिए वबाल-ए-जान बन गई थीं। एक से मिलो तो दूसरी नाराज़ होती थीं। टेलीफ़ोन पे टेलीफ़ोन आ रहे हैं, बीवी का डर अलग, कारोबार की फ़िक्र जुदा। अजब झनजट था। मगर वो दिन भी थे जब मजीद को सिर्फ़ दो रुपये रोज़ाना मिलते थे। साठ...
خدا کی یہ نشانی ہے کہ تم کو مٹی سے پیدا کیا، پھر تم چلتے پھرتے آدمی ہو۔ خدا کی یہ نشانی ہے کہ تمہیں میں سے تمہارا جوڑا بنایا اور ان میں محبت ڈالی۔ خدا کی یہ نشانی ہے کہ آسمان پیدا کیے، تمہاری بولیاں اور تمہارے رنگ جدا...
حضرت سلیمان حضرت داؤد ہی کے بیٹے تھے۔ ان کو خدانے عظیم الشان سلطنت عطا کی۔ انسان، دیو پری، چرندپرند سب ان کے مطیع تھے۔ انہوں نے بیت المقدس کی عظیم الشان عمارت تعمیر کرائی۔ ہوا ان کے تخت کو جہاں وہ چاہتے اڑالے جاتی تھی۔ ان کے پاس ایک...
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