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नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
क़ौम मज़हब से है मज़हब जो नहीं तुम भी नहीं
जज़्ब-ए-बाहम जो नहीं महफ़िल-ए-अंजुम भी नहीं
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
चमन में जब बहार आई तो दीवाने मचल उट्ठे
हुआ जब ज़िक्र-ए-चश्म-ए-मस्त पैमाने मचल उट्ठे
हामिद-उल-अंसारी अंजुम
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रेख़्ता शब्दकोश
jazb-e-baaham
जज़्ब-ए-बाहमجَذبِ باہَم
(लफ़ज़न) आपस की मुहब्बत या कशिश, (मजाज़न) उखुवत, भाई चारा
jazb-e-baahamii
जज़्ब-ए-बाहमीجَذبِ باہَمی
(शाब्दिक) आपस का प्रेम अथवा आकर्षण
aa.nkh naak mukh muu.nd ke naam niranjan le, bhiitar ke paT jab khule.n jab baahar ke paT de
आँख नाक मुख मूँद के नाम निरंजन ले, भीतर के पट जब खुलें जब बाहर के पट देآنکھ ناک مکھ موند کے نام نرنجن لے، بھیتر کے پٹ جب کھلیں جب باہر کے پٹ دے
एकाग्रचित होकर जो निरंजन अर्थात कल्मष-शून्य भगवान है उसका ध्यान करना चाहिए
aa.nkh naak mukh muu.nd ke naam niranjan le.e, bhiitar ke paT jab khule.n jab baahar ke paT de.e
आँख नाक मुख मूँद के नाम निरंजन लेय, भीतर के पट जब खुलें जब बाहर के पट देयآنکھ ناک مکھ موند کے نام نرنجن لیئے، بھیتر کے پٹ جب کھلیں جب باہر کے پٹ دیئے
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नज़्म
बज़्म-ए-अंजुम
ہيں جذب باہمي سے قائم نظام سارے
پوشيدہ ہے يہ نکتہ تاروں کي زندگي ميں