aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "طلب_گار"
गोर बचन सिंह तालिब
died.1986
लेखक
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँबाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ
एक बोसे के तलबगार हैं हमऔर माँगें तो गुनहगार हैं हम
तिरा हम ने जिस को तलबगार देखाउसे अपनी हस्ती से बे-ज़ार देखा
हर तलबगार को मेहनत का सिला मिलता हैबुत हैं क्या चीज़ कि ढूँढे से ख़ुदा मिलता है
तलबगारطلب گار
seeker, claimant, desirous
Tarab Gah-e-Raqeeb
कलीम उर्फ़ी
नीतिपरक
Gahri-Nazar
सय्यद मोहम्मद तक़ी
तिब्ब-ए-यूनानी
Ghar Ka Hakeem
लाल चन्द फ़लक
औषधि
Darj-e-Gouhar
अब्दुर्र्हमान ख़ान
Makhzan-e-Hikmat ya Ghar Ka Doctor Wa Hakeem)
ग़ुलाम जीलानी ख़ान
Makhzan-e-Hikmat Ya Ghar Ka Doctor-o-Hakeem
Silk-e-gauhar
आसिफ़ शाह ख़ाँ
मज़ामीन / लेख
Gauhar-e-Ismat
तालिब इलाहाबादी
नॉवेल / उपन्यास
Darj-e-Gauhar
Baba Shaikh Faridudeen Ganj Shakar
उपदेश
Mere Rahne Ka Ghar
अननोन ऑथर
Makhzan-e-Hikmat
ग़ुलाम जीलानी
Guru Nanak
सिख-मत
Gauhar Baar
वासदेव तालिब
काव्य संग्रह
मेरी इनायतों के तलबगार आ गएरहमत पुकार उट्ठी गुनहगार आ गए
चाँद छूने की तलबगार नहीं हो सकतीक्या मिरी ख़ाक चमकदार नहीं हो सकती
यूँ सुकूनत की तलबगार हुई जाती हैज़िंदगी साया-ए-दीवार हुई जाती है
साक़ी तिरे साग़र के तलबगार बहुत हैंमय कम है मगर बज़्म में मय-ख़्वार बहुत हैं
यूँ तलबगार हो गया है दिलसमझो बीमार हो गया है दिल
बैसाखियों के जब से तलबगार हो गएहम आप अपनी राह की दीवार हो गए
दौलत के और होंगे तलबगार दोस्तोहम हैं मता'-ए-ग़म के ख़रीदार दोस्तो
दुनिया ओ आख़िरत में तलबगार हैं तिरेहासिल तुझे समझते हैं दोनों जहाँ में हम
माँझी तिरी कश्ती के तलबगार बहुत हैंकुछ लोग हैं इस पार तो उस पार बहुत हैं
दुनिया सभी बातिल की तलबगार लगे हैजिस रूह को देखो वही बीमार लगे है
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