aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "پاداش"
जमीला ने ये सुन कर शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस के दो सिपाही जो उस वक़्त बाग़ में ड्यूटी पर थे, दौड़ते आए और जमीला से पूछा, “बहन क्या बात है?” जमीला ने महमूद की तरफ़ देखा जो सहमा खड़ा था और कहा, “ये लड़का मुझसे छेड़ख़ानी...
क्या ज़ोहद को मानूँ कि न हो गरचे रियाईपादाश-ए-अमल की तमा-ए-ख़ाम बहुत है
चंद मुतफ़र्रिक़ वाक़िआत: एक मर्तबा मिर्ज़ा ने उड़ने की भी कोशिश की लेकिन हवाई जहाज़ वग़ैरा से काम नहीं लिया किसी और तरीक़े से उड़े जिसका नुस्ख़ा और तरकीब-ए-इस्तेमाल वग़ैरा सीना ब सीना उन तक पहुंच कर उनके साथ ही दफ़न हो गए। बहरहाल उड़े तो सही लेकिन फिर ज़मीन...
उनकी हिफ़ाज़त के लिए हर डिब्बे में दो सिपाही बंदूक़ें लेकर खड़े थे। वजीहा बलोच सिपाही अपनी पगड़ियों के उक़ब मोर के छत्तर की तरह ख़ूबसूरत तुर्रे लगाए हुए, हाथ में जदीद राइफ़लें लिए हुए उन पठानों और उनके बीवी बच्चों की तरफ़ मुस्कुरा-मुस्कुरा कर देख रहे थे जो एक...
“देखना ज़मीन नीचे से पथरीली न हो, वर्ना सारी रात खुदाई में गुज़र जाएगी। कमबख़्त को मरना भी रात ही को था।” वार्डन ने तहक्कुमाना और बेज़ारी के लहजे में कहा। क़ैदियों ने कुदालें और बेलचे उठाए और खोदना शुरू किया। वार्डन बेज़ारी के मूड में बैठे सिगरेट पी रहे...
पादाशپاداش
retaliation, retribution, requital, recompense
प्रतिकार, बदला, प्रायः बुरे बदले के लिए व्यवहृत है।
Padash-e-Amal
नॉवेल / उपन्यास
कोनटेन रेना लुडस
Padaash-e-Amal
मोहम्मद सिद्दीक़
Padash-e-Jurm
अननोन ऑथर
जॉर्ज डब्लू.एम्. रेनॉल्ड्स
किरामन: इसने ग़ज़ब ये किया कि हज़रत साक़ी-ए-कौसर को उम उल ख़बाइस का साक़ी क़रार देकर उनके एतिमाद पर धड़ल्ले से पिया करता था। इसने इस यक़ीन का किस बुलंद आहंगी से ऐलान किया है; बहुत सही ग़म-ए-गेती शराब कम क्या है...
اس کے انکار کی پاداش میں شیطاں مردوداس کا جنت سے ہبوط اصل میں ہیجان صعود
अब उस ग़रीब चोर को भेजोगे जेल क्यूँग़ुर्बत की जिस ने काट ली पादाश जेब में
लेकिन एक दम हालात ने कुछ ऐसा पलटा खाया कि सादिक़ वो सादिक़ ही न रहा, जंग ख़त्म हुई तो ठेके भी ख़त्म हो गए। फिर मुक़द्दमों का कुछ ऐसा तांता बंधा कि सादिक़ कचहरियों के चक्कर में फंस गया। जो दौलत पैदा की थी, सब मुक़द्दमों की नज़र हो...
जुर्म-ए-बे-बाक-गोई की पादाश में ज़हर 'इक़बाल' को तल्ख़ियों का मिलाउस ने इस ज़हर को ही सुख़न कर लिया इस ज़माने में अब और क्या चाहिए
बहुत ख़ाक छानने के बाद उस बस्ती से कि जहाँ अब अकेला तुम्हारा चचा ख़ाक नशीन है, गुज़र हुआ। यहाँ की ज़मीन को मेहरबान पाकर डेरा किया। जानना चाहिए कि ज़मीन जब मेहरबान होती है तो महबूबा की आग़ोश की तरह नर्म और माँ की गोद के समान कुशादा हो...
फिर राज़दारी से बोलीं, “अरे आपको नहीं मालूम है। ये फूफा बड़े ढिंढोरची हैं। अगर यहाँ से हम लोगों के हुस्न-ए-सुलूक के क़ाइल हो कर गए तो सारे ख़ानदान में आपकी तारीफ़ें करते फिरेंगे। आज इन सबको सिनेमा ज़रूर दुखा दीजिए। किसी का मोटर चुपके से मंगवा लीजिएगा। मैंने कह...
اپنا سب کچھ ہندوستان میں چھوڑ آنے کے بعد اس اجنبی شہر میں، میں دو ماہ سے دربدر پھر رہا تھا اور میرا کوئی پرسان حال نہ تھا۔ ایک بار پھر اپنے آپ کو خدا کے گھر میں پاکر میرا دل چاہا کہ ہاتھ باندھ کر بصد عجز و نیاز...
जिस वक़्त ख़ुर्शीद बोतल पी रही थी, उस वक़्त बीबी का छोटा भाई अज़हर उधर से गुज़रा। उसे स्ट्रॉ से बोतल पीते देख कर वो मेन बाज़ार जाने की बजाए उल्टा चौधरी कॉलोनी की तरफ़ लौट गया और एन टाइप के क्वार्टर में पहुँच कर बरामदे ही से बोला, “बीबी!...
सादगी और दरवेशी का ये रख रखाव कुछ तो क़ुदरत ने माँ जी की सरिश्त में पैदा किया था कुछ यक़ीनन ज़िंदगी के ज़ेर-व-बम ने सिखाया था। जड़ांवाला में कुछ अर्सा क़याम के बाद जब वो अपने वालदैन और ख़ुर्द साल भाइयों के साथ ज़मीन की तलाश में लायलपुर की...
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books