आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अज़ाब-ए-तन्हाई"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "अज़ाब-ए-तन्हाई"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "अज़ाब-ए-तन्हाई"
अन्य परिणाम "अज़ाब-ए-तन्हाई"
ग़ज़ल
'शान' अब हम को तो अक्सर शब-ए-तन्हाई में
नींद आती नहीं और ख़्वाब नज़र आते हैं
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
क़ब्र तक पहूँचा गए सारे अज़ीज़-ओ-अक़रिबा
आगे आगे फिर रफ़ीक़-ए-राह तन्हाई हुई
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
इक इम्तिहान-ए-वफ़ा है ये उम्र भर का अज़ाब
खड़ा न रहता अगर ज़लज़लों में क्या करता