aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "कारवाई"
शौक़ क़िदवाई
1853 - 1925
शायर
मोहम्मद हाशिम केदवाई
born.1921
लेखक
अनीस क़िदवाई
1908 - 1982
ख़लील क़िदवाई
कारा गनसकी
दोस्त क़िदवाई
शायान क़िदवाई
मकतबा-ए-कारवाँ, लाहाैर
पर्काशक
शाफे क़िदवाई
born.1960
मुन्शी हमीद अहमद कि़दवाई
आसिफ़ जाह कारवानी
मुशीर हुसैन क़ेदवाई
1878 - 1937
सिद्दीक़ उर्रहमान क़िदवाई
मुसईद किदवाई
अब्दुल अलीम क़दवाई
जो मेरी मानो तो मेरे ऑफ़िस मैं कोई मर्ज़ी की जॉब कर लोकि हम ने क्या काम-वाम करना है कारवाई पड़ी रहेगी
‘मीर’ के बारे में ये ग़लत-फ़हमी कि वो ख़ालिस ज़बान या रोज़मर्रा के शाइ'र हैं, कई वज्हों से आ'म हुई। अव्वल तो ये कि ‘मीर’ और उनके आ'म मुआ'सिरों में एक तरह की सत्ही और लाज़िमी मुमासिलत तो है ही क्योंकि बहर-हाल इन सब शो'रा की बुनियादी ज़बान मुश्तरक थी।...
वो खेल बैठा मोहब्बत से फिर मोहब्बत नेजवाबी वार किया कारवाई करते हुए
मौलवी नज़ीर अहमद ने अपनी आख़िरी उम्र में एक किताब “उम्महात-उल-उम्मा” लिखी थी। उस ज़माने में आम दस्तूर था कि पादरी चौराहों में खड़े हो कर ईसाइयत की तब्लीग़ करते और बहका सिखा कर लोगों को ईसाई कर लेते। ईसाई पादरियों के उर्दू अख़बार भी इसी ग़रज़ से जारी थे...
जी हाँ, ये कारवाई अपनी तबीयत मौज़ूँ करने के लिए थी। अब सवाल ये है कि मैं भी इस कान्फ़्रैंस में कुछ कहूँ। अच्छा साहब, जब मुझे तक़रीर के लिए खड़ा ही किया गया है तो, अब जिगर थाम के बैठो मेरी बारी आई...
सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर. अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे।
कारावास
कारवाईکاروائی
action
इक़बाल का फ़लसफ़ा-ए-ख़ुदी
शोध
दुनिया की हुकूमतें
विश्व इतिहास
Duniya Ki Hukoomatein
संविधान / आईन
Aazadi Ki Chhaon Mein
आत्मकथा
Europe Ke Azeem Siyasi Mufakkireen
जीवनी
Duniya Ki Hukoomaten
Fiction Mutaleat Pas Sakhtiyati Tanazur
फ़िक्शन तन्क़ीद
कारवान-ए-हिजाज़
माहिर-उल क़ादरी
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
Kitab Ki Tareekh
तालीम-ए-निसवान
एजुकेशन / शिक्षण
Babool Ke Ped
सटेन्ले कारनाऊ
Jamhuriya-e-Hind Ka Dastoor-e-Asasi
Ilm-e-Hadees Aur Chand Aham Muhaddisin
मोहम्मद सालिम क़िदवाई
इस्लामियात
012
कौसर सिद्दीक़ी
करवान-ए-अदब, भोपाल
Jalwa-e-Danish Farang
अब्दुर्रहीम क़िदवाई
लेख
मैं कैसे बयान करूँ? जैसे में एक दूल्हा हूँ और दुल्हन ब्याहने जा रहा हूँ और फिर मैं शाह सुलैमान के गेट-अप में तैयार था। मैंने क़दम उस कमरे की तरफ़ बढ़ाए जिसके अंदर वो थी तो मुझे लगा कि मेरा दिल उछल कर बदन से बाहर आ जाएगा। तेज़...
“चलती गाड़ी रोक ली गई। जो दूसरे मज़हब के थे उनको निकाल-निकाल कर तलवारों और गोलियों से हलाक कर दिया गया। इससे फ़ारिग़ हो कर गाड़ी के बाक़ी मुसाफ़िरों की हलवे दूध और फलों से तवाज़ो’ की गई। गाड़ी चलने से पहले तवाज़ो’ करने वालों के मुंतज़िम ने मुसाफ़िरों को...
हसीं चेहरों से सूरत-आश्नाई होती रहती हैसमझ लो इब्तिदाई कारवाई होती रहती है
ये तीनों आए और अलशज़री से दिमाग़ पच्ची करने लगे।भाई शज़री के सर में सख़्त दर्द था और वो रूमाल बांधे हुए थे, उन नालायक़ों ने अलशज़री से कुछ कहा।जो किसी तरह हम दोनों समझ गए वो कहते थे कि “क़रीब ही पड़ोस में एक हकीम रहता है, वहाँ चलो...
यही सज़ा है चराग़ों से आश्नाई कीमिरे ख़िलाफ़ हवाओं ने कारवाई की
कारवाई जब करोगे नेक लोगों के ख़िलाफ़देख लेना सारे हरबे बे-असर हो जाएँगे
ख़ैर इस मीटिंग में सभी लोग जम’ होने शुरू’ हो गए। जो कोई नलवे को देखता हैरत से उसकी आँखें खुली की खुली रह जातीं। मीटिंग की कारवाई का वक़्त आन पहुँचा लेकिन हाज़िरीन को जैसे साँप सूँघ गया हो। हर तरफ़ ख़ामोशी तारी थी। हरी सिंह नलवा कुछ देर...
बुझ चुकी शम' उन की महफ़िल मेंग़ैर की कारवाई होती है
मेरा अलमिया ये है किसी ज़माने में मैं बीवी, और मेरी मौजूदा बीवी शौहर रह चुके हैं, इसलिए हम दोनों “बीवियाना” और “शौहराना” दांव पेच से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं, इसलिए एक दूसरे पर चल नहीं पाती। अगर कभी सचमुच भी ओवर टाइम करके घर में दाख़िल होता हूँ, तो...
अपनी नौइयत की ये पहली कान्फ़्रैंस है जो इनअ'क़ाद पज़ीर होने जा रही है। पूरा पंडाल कुंवारी लड़कियों से भरा है। नुक़रई क़हक़हे हर सिम्त गूँज रहे हैं। इत्र और सैंट के खुश्बू से फ़िज़ा मुअ'त्तर है। लिबास की रंगा रंगी अ'जीब दिलकश मंज़र पेश कर रही है। बा'ज़ लड़कियाँ...
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