आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र"
ग़ज़ल
जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र बिन इस दिल को हो क्या चैन
मुफ़लिस को बुरी होती है अस्बाब की गर्दिश
मोहम्मद रफ़ी सौदा
ग़ज़ल
उजड़ गए ख़िरद-ओ-सब्र-ओ-होश-ओ-ताब-ओ-तवाँ
उसी के नाज़-ओ-अदा की सिपाह के मारे
मिर्ज़ा जवाँ बख़्त जहाँदार
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
समस्त
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र"
अन्य परिणाम "जिंस-ए-ख़िरद-ओ-सब्र"
ग़ज़ल
नरेश एम. ए
तंज़-ओ-मज़ाह
आल-ए-अहमद सुरूर
ग़ज़ल
ताक़त-ओ-सब्र-ओ-ख़िरद तो दे चुके कब के जवाब
हिज्र में अब एक बाक़ी हम को मर जाना रहा