aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "थकावट"
दो तीन दिन के बा’द जब इस जश्न की थकावट उतर गई तो ये बेस्वाएँ साज़-ओ-सामान की फ़राहमी और मकानों की आराइश में मसरूफ़ हो गईं। झाड़, फ़ानूस, ज़रूफ़-ए-बिल्लौरी, क़द-ए-आदम आईने, निवाड़ी पलंग, तस्वीरें और क़तआत-ए-सुनहरी, चौकठों में जुड़े हुए लाए गए और क़रीने से कमरों में लगाए गए और...
थकावट और नींद के शदीद ग़लबे के बाइ’स मेरी कमर टूट रही थी और मैं चाहता था कि थोड़ी देर के लिए बैठ जाऊं। बंद दूकानों के थड़े मुझे नशिस्त पेश कररहे थे मगर मैंने उनकी दा’वत क़बूल न की। चलता-चलता पुल की संगीन मुंडेर पर चढ़ कर बैठ गया।...
हो कर असीर दाबते हैं राहज़न के पांव जब उनकी थकावट दूर हो गई तो उन्होंने मिर्ज़ा से कहा कि हमें अपने घर लेकर चल। मिर्ज़ा ने ऐसा ही किया। वहां पहुंच कर उन लोगों ने मिर्ज़ा का सारा असासा उड़ा लिया और चम्पत हो गए। मिर्ज़ा उनके इस बरताव...
प्लेटफार्म पर और होटल में थकावट के बावजूद वो जानदार औरत थी मगर जूंही वो इस कमरे में जहां मैं सिर्फ़ बनयान और पाजामा पहने चाय पी रहा था दाख़िल हुई तो उसकी तरफ़ देख कर मुझे ऐसा लगा जैसे कोई बहुत ही परेशान और ख़स्ताहाल औरत मुझसे मिलने आई...
शाम को रहमान लौट आया। उसने आते ही माँ से सुंदर जाट के डाका के मुतअ’ल्लिक़ पूछा। इस पर माई जीवां ने कहा, “सुंदर जाट तो नहीं आया बेटा, पर नीती कहीं ग़ायब हो गई है... ऐसी कि कुछ पता ही नहीं चलता।” रहमान को ऐसा महसूस हुआ कि उसकी...
थकावटتھکاوٹ
tired, fatigue
लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा न घाट का। उन्होंने आते ही हामिद से कहा, “लो, भई फ़ौरन एक टैक्सी का बंदोबस्त करो।” हामिद ने कहा, “आप ज़रा तो आराम कर लीजिए। इतना लंबा सफ़र तय करके यहां आए हैं। थकावट होगी।”...
“जी हाँ।” “वो क्या दिन थे जब हमारी शादी हुई थी। तुम्हें मेरी हर बात का कितना ख़याल रहता था। हम बाहम किस क़दर शेर-ओ-शक्कर थे... मगर अब तुम कभी सोने का बहाना कर देती हो। कभी थकावट का उज़्र पेश कर देती और कभी दोनों कान बंद कर लेती...
आ’म ख़याल था कि आज़ादी की मंज़िल अब सिर्फ़ दो हाथ ही दूर है, लेकिन फ़िरंगी सियासतदानों ने इस तहरीक का दूध उबलने दिया और जब हिंदुस्तान के बड़े लीडरों के साथ कोई समझौता हुआ तो ये तहरीक ठंडी लस्सी में तबदील हो गई। आज़ादी के दीवाने जेलों से बाहर...
“अभी सुस्ताने का मुक़ाम नहीं आया। मेरे इरादों में थकावट उस दिन पैदा होगी जब तुम्हें घर की याद सताएगी। और मुझे मजबूर करोगी कि तुम्हें घर छोड़ आऊँ लेकिन घर हमारे लिए उस वक़्त तक तंग है जब तक हमें सोचने और समझने की आज़ादी नहीं दी जाती।” “घर...
दोपहर के खाने से फ़ारिग़ हो कर फ़य्याज़, हैदरी ख़ाँ, असग़री और दोनों लड़कियाँ जल्दी-जल्दी असबाब बाँधने में मसरूफ़ हो गईं। पिछले दस बरस में न जाने क्या-क्या ज़रूरी और ग़ैर-ज़रूरी सामान इकट्ठा हो गया था जिसका छाँटना मुश्किल था। सलाह ये ठहरी कि नए मकान में पहुँच कर छाँट...
कुछ तक़ाज़े हैं कुछ उधारी हैउम्र का बोझ है थकावट है
“ज़िंदगी का सिर्फ़ एक राज़ है और वो रज्ज़ है, जो आगे बढ़ने, हमला करने, मरने और मारने का जज़्बा पैदा करता है। इसके सिवा बाक़ी तमाम रागनियां फ़ुज़ूल हैं जो आ’ज़ा पर थकावट तारी करती हैं।” उसका दिल शबाब के बावजूद इश्क़-ओ-मोहब्बत से ख़ाली था। उसकी नज़रों के सामने...
जनम जनम की थकावट है मेरे सीने मेंजिसे मैं अपने सुख़न में उतार लेती हूँ
कीकू की माँ के लबों पर तबस्सुम नहीं रहा। सिर्फ़ उसका साया रह गया। हल्की सी सुर्ख़ी से इसका रंग सपेदी और सपेदी से ज़र्दी और स्याही माइल हो गया और वो हैरत से क्लॉक की टिक-टिक को सुनने लगी। दर्शी के लिए वो मामूली टिक-टिक हथौड़े की ज़र्बों से...
उसकी ये हरकात... या’नी... या’नी... मेरी तरफ़ उसका तीन बार मुड़ मुड़ कर देखना... क्या उसकी मुस्कुराहट के साथ मेरे तबस्सुम के कुछ ज़र्रे तो नहीं चिमट कर नहीं रह गए थे? इस ख़याल ने मेरी नब्ज़ की धड़कन तेज़ कर दी। थोड़ी देर के बाद मुझे थकावट सी महसूस...
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books