आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दहान-ए-मार"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "दहान-ए-मार"
अन्य परिणाम "दहान-ए-मार"
तंज़-ओ-मज़ाह
कहीं बिछड़ा हुआ देखा जो इक सुर्ख़ाब का जोड़ा तो ढारें मार कर रोया बत-ए-गिर्दाब का जोड़ा...
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
कैसे टेढ़ा न चले मार बड़ी मुश्किल है
सीधी हो ज़ुल्फ़-ए-गिरह-दार बड़ी मुश्किल है
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
शेर
मुझे जब मार ही डाला तो अब दोनों बराबर हैं
उड़ाओ ख़ाक सरसर बन के या बाद-ए-सबा बन कर