आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बैत-ए-अबरू"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "बैत-ए-अबरू"
ग़ज़ल
मेहरबानी की तरह पहली न भूलो यक-ब-यक
बैत-ए-अबरू कूँ तुम अपनी ताज़ा मज़मूँ मत करो
सिराज औरंगाबादी
अन्य परिणाम "बैत-ए-अबरू"
शेर
मज़ा मतला का दे फ़िक्र-ए-दो-पहलू हो तो ऐसी हो
रहें हिस्से बराबर बैत-ए-अबरू हो तो ऐसी हो
नसीम देहलवी
ग़ज़ल
दिल चढ़ा मुश्किल से ताक़-ए-अबरू-ए-ख़मदार पर
सौ जगह रस्ते में जब ज़ुल्फ़-ए-रसा पकड़ी गई