आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रंज-ओ-ख़ुशी"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "रंज-ओ-ख़ुशी"
नज़्म
यारान-ए-नज्द
ये कार-ज़ार-ए-हस्ती है रंज-ओ-ग़म की बस्ती
फिर याद-ए-बज़्म-ए-जम में इक जाम-ए-जम पिला दे
ख़ुशी मोहम्मद नाज़िर
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "रंज-ओ-ख़ुशी"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "रंज-ओ-ख़ुशी"
ग़ज़ल
रंज-ओ-ख़ुशी का दहर ने देखा है इम्तिज़ाज
होती है क़हक़हों से भी रिक़्क़त कभी कभी
साक़िब अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
रंज ओ ख़ुशी की सब में तक़्सीम है मुनासिब
बाबू जो है तो फिर क्या चंगेज़ है तो फिर क्या
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
गुलचीं के चेहरे की रंगत रोज़ बदलती रहती थी
रंज-ओ-ख़ुशी के हर मौसम में फूल का एक लिबास रहा
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
ग़ज़ल
रंज-ओ-ख़ुशी 'सरताज' बहम हैं ये दुनिया की महफ़िल है
ग़म की तानें कहीं पे जागें शोर कहीं शहनाई का