आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रौनक़-ए-ख़ल्वत-ए-शाहाना"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "रौनक़-ए-ख़ल्वत-ए-शाहाना"
नज़्म
पदमनी
रौनक़-ए-ख़ल्वत-ए-शाहाना बनाया तुझ को
नाज़िश-ए-हिमात-ए-मर्दाना बनाया तुझ को
सुरूर जहानाबादी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "रौनक़-ए-ख़ल्वत-ए-शाहाना"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "रौनक़-ए-ख़ल्वत-ए-शाहाना"
ग़ज़ल
किस का चमकता चेहरा लाएँ किस सूरज से माँगें धूप
घोर अँधेरा छा जाता है ख़ल्वत-ए-दिल में शाम हुए
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
मज़ा क्या उस बुत-ए-बे-पीर से दिल के लगाने का
जो ख़ल्वत में हो बुत महफ़िल में हो तस्वीर की सूरत
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
मुद्दत में तुम मिले हो क्यूँ ज़िक्र-ए-ग़ैर आए
मैं अपने साए से भी ख़ल्वत में बद-गुमाँ हूँ