aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "शोला-ए-आतिश"
गले लगा के किया नज़्र-ए-शो'ला-ए-आतिशक़फ़स से छूट के फिर आशियाँ मिले न मिले
शो'ला-ए-जाँ का भड़कना देख करअच्छे-अच्छों का कलेजा हिल गया
शो'ला-ए-ग़म जल उठा तो बुझ गए सारे चराग़आतिश-ए-दिल गुल हुई तो कोई परवाना न था
कौन समझेगा इन हक़ाएक़ को'शो'ला'-ए-रिंद-ए-पारसा के सिवा
क़त्ल-ए-क़ासिद पे कमर बाँधी है 'शोला' उस नेख़त किताबत की मुलाक़ात है ये भी न सही
शोला-ए-आतिशشعلۂ آتش
flame of fire
ऐ 'शोला' क्या तबीअत-ए-नाज़ुक पे ज़ोर दूँक़द्र-ए-सुख़न रही न कोई क़द्र-दाँ रहा
दिए बग़ैर तिरे बाग़ में गुलों ने दाग़चुभोए नर्गिस-ए-शहला ने ख़ार आँखों में
क्या फ़िक्र है ऐ 'शोला' पियो बादा-ए-रंगींडालो भी कहीं भाड़ में ये रंज-ओ-मेहन अब
ऐ 'शोला' कह दो बुलबुल-ए-ख़ुल्द-ए-बरीं से अबगुल-दस्ता बाँध ले मेरे रंगीं कलाम का
शाम-ए-ग़म में ये रौशनी कैसीदिल का शो'ला भड़क उठा होगा
'शोला' के बा'द ख़त्म है ईजाद-ए-तर्ज़-ए-नौकुछ लुत्फ़ था सुख़न का उसी ख़ुश-बयाँ तलक
लिपटना पर्नियाँ में शोला-ए-आतिश का पिन्हाँ हैवले मुश्किल है हिकमत दिल में सोज़-ए-ग़म छुपाने की
वाक़िफ़ हो क्यूँ न शोला-ए-आतिश से दिल के वोरहती है बाग़बाँ को ख़बर फूल पात की
कहता है कोई बर्क़ कोई शोला-ए-आतिशइक दम तू ठहर जाए तो इक बात ठहर जाए
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books