aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "हस्तियाँ"
हेमा काण्डपाल हिया
born.1998
शायर
इस्मा हादिया
born.1992
हादिया सहर
लेखक
हादिया शबनम
मत्बा हनफ़िया, पटना
पर्काशक
हसोया गंग
अल-हदिया इबने अब्दुर्रहीम चिश्ती
हमेशा के लिए मर्क़ूम हू जातींहमारी हस्तियाँ मज़मूम हो जातीं
आया था क्यूँ अदम में क्या कर चला जहाँ मेंये मर्ग-ओ-ज़ीस्त तुझ बिन आपस में हँसतियाँ हैं
सरला, प्रभा वग़ैरह एक बद-दिमाग़ लड़कियाँ थीं और ख़ासी क़दामत पसंद वो लड़कों के साथ बाहर घूमने बिल्कुल नहीं जाती थीं। ख़ुशवक़्त सिंह दिलजीत के भाई का दोस्त था। मेरी समझ में नहीं आया कि उसे क्या जवाब दूँ कि इतने में सरला ने चुपके से कहा..., “ख़ुशवक़्त सिंह के...
जिन्हें अब गर्दिश-ए-अफ़्लाक पैदा कर नहीं सकतीकुछ ऐसी हस्तियाँ भी दफ़्न हैं गोर-ए-ग़रीबाँ में
जहां किसी शानदार फ़िल्म कंपनी का दफ़्तर हुआ करता था, वहां चूल्हे सुलग रहे हैं। जहां कभी शहर की बड़ी बड़ी रंगीन हस्तियां जमा होती थीं, वहां धोबी मैले कपड़े धो रहे हैं। दो बरस में इतना बड़ा इन्क़िलाब!...
प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर। कम उम्र में आत्म हत्या की
हत्या
हस्तियाँہستیاں
lives
दिल्ली की चन्द अजीब हस्तियाँ
अशरफ़ सबूही
गद्य/नस्र
साइंस की माया नाज़ हस्तियाँ
अहरार हुसैन
विज्ञान
हिन्दुस्तान की नामवर हस्तियाँ
पब्लिकेशंस डिवीज़न, दिल्ली
जीवनी
इस्लाम की अज़ीम बुज़ुर्ग हस्तियाँ ख़ुल्फा-ए-रसूल
ख़ान मोहम्मद आतिफ़
जादू की हंडिया
किश्वर नाहीद
कहानी
Risala Siyar-ul-Aqtab Urdu
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
फ़तावा-ए-हिंदिया
इस्लामियात
Siyar-ul-Aqtab
चिश्तिय्या
Shumara Number-001
सय्यद हैदर हुसैनी
Sep 1898तोहफ़ा-ए-हंफ़िया
Shumara Number-005
तोहफ़ा-ए-हंफ़िया
हदाइक़ुल हनफ़िया
मौलवी फ़क़ीर मोहम्मद जहलमी
तज़्किरा / संस्मरण / जीवनी
आज से तक़रीबन डेढ़ बरस पहले जब मैं बंबई में था, हैदराबाद से एक साहिब का डाक कार्ड मौसूल हुआ। मज़मून कुछ इस क़िस्म था, “ये क्या बात है कि इस्मत चुग़ताई ने आपसे शादी न की? मंटो और इस्मत। अगर ये दो हस्तियाँ मिल जातीं तो कितना अच्छा होता,...
तीनों हस्तियाँ शहर के बाहर एक शानदार बंगले में ज़िंदगी गुज़ारने लगीं। (7)...
इस यूनीयन के ख़िलाफ़ यूं तो आए दिन तक़रीरें होती थीं और जगह जगह जलसे मुनअक़िद हुए थे, मगर अब वो पहला सा जोश-ओ-ख़रोश नहीं था। चुनांचे उसको अज़-सर-ए-नौ शदीद बनाने के लिए टाउन हाल में एक अज़ीमुश्शान जल्से के इनइक़ाद का ऐलान किया गया। क़रीब क़रीब हर शहर की...
एक ज़माना था जब मेरा ज़्यादा तर वक़्त लाइब्रेरियों में गुज़रता था। लेकिन जब मैं ने देखा कि समाज में जोह्ला तरक़्क़ी करते चले जा रहे हैं और ऊंची-ऊंची कुर्सियों पर क़ब्ज़ा जमा चुके हैं तो मैंने सोचा कि ला'नत है ऐसे इ'ल्म पर जिससे इ'ल्म की प्यास तो भले...
भाभी आज़ाद फ़िज़ा में पली थी। हिरनियों की तरह क़ुलांचें भरने की आदी थी मगर ससुराल और मैका दोनों तरफ़ से उस पर कड़ी निगरानी थी और भइया की भी यही कोशिश थी कि अगर जल्दी से उसे पक्की घर हस्तिन न बना दिया गया तो वो भी अपनी बड़ी...
क़ाज़ी साहिब क़िबला ने अगले दिन कॉलेज में एक मुशायरा किया। मुझसे बद-गुमानी इतनी कि मुझे अपने ऐन मुक़ाबिल एक नुमायां और बुलंद मुक़ाम पर बिठा दिया और मेरी हर हरकत पर निगाह रखी। मेरे इर्द-गिर्द महफ़िल गर्म थी और मैं इसमें कंचन चंगा की तरह अपनी बुलंदी पर जमा...
गिरधारी को खाना पीना अच्छा ना लगता। रातों को नींद ना आती। हर-दम दिल पर एक बोझ सा रखा रहता। खेतों के निकलने का ख़्याल करते ही उस के जिगर में एक आग सी लग जाती थी। हाय वो ज़मीन जिसे हमने बीस बरस जोता। जिसे खाद से पाटा जिसमें...
“चुप, जानते हो सोशलिस्ट भाई सबीहा से शादी करने की फ़िक्र में हैं।” मैंने बताया और आसिफ़ का हार्ट फ़ेल होते होते रह गया। शाम को बेहद तफ़सीलन अपने दोस्तों को हमने इस मीटिंग की कार्रवाई की रिपोर्ट सुनाई कि हमारे घर पर हिन्दोस्तान की कैसी-कैसी मुक़तदिर और आ’ला-ओ-अ’र्फ़ा हस्तियाँ...
वक़्त बदला लोग बदले अब कहाँ वो मस्तियाँजब कोई लय छेड़ता था झूमती थीं हस्तियाँ
तू जितना भी उन्हें अपना समझ लेसियासी हस्तियाँ तेरी न मेरी
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books