आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".acuh"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ".acuh"
नज़्म
गौतम-बुद्ध
तुम को लोगों ने बताया मर गया है एक शख़्स
और यूँ मरते हैं नादाँ हूँ कि अर्बाब-ए-उक़ूल
मयकश अकबराबादी
ग़ज़ल
गोल पगड़ी नीली लुंगी मूंछ मुंडी तकिया रीश
फिर वो रूमाल और वो अख़-थू नासदानी आप की
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
नहीं अजाइब कुछ आँख ही में रूतूबतें तीन सात पर्दे
ओक़ूल दस मुद्रिकात दस हैं सो करते रहते हैं काम तीसों
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
पुस्तकें के संबंधित परिणाम ".acuh"
अन्य परिणाम ".acuh"
ग़ज़ल
है ज़ीस्त ज़ीस्त उसी की कि जिस के बाज़ू को
उरूस-ए-सुब्ह भी ढूँडे निगार-ए-शाम के बा'द
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
काएँ काएँ कव्वा टें टें मिठ्ठू
गंदे कंकर भी भरता गया उस में तू
पी गया ऐसे पानी को फिर आख़ थू
अहमद हातिब सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
बशर जो चाहे कि समझे उन्हें सो क्या इम्काँ
है याँ फ़रिश्तों की आजिज़ अक़ूल और इफ़हाम
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
ज़मीर
रखते हैं दूसरों की कहाँ पास-ए-आबरू
ग़ीबत की ख़ू को आज ही कर दीजे आख़-थू
मुर्तजा साहिल तस्लीमी
नज़्म
भूक
फ़ज़ाएँ गुम थीं धुँदलके में आख़िर-ए-शब के
उरूस-ए-सुब्ह के चेहरे पे थी नक़ाब अभी