आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahishtii"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "bahishtii"
नज़्म
ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर
उन पाक बहिश्ती ख़्वाबों के दिलचस्प फ़साने भूल गए
इन ख़्वाबों सी यूँ आज़ाद न कर
अख़्तर शीरानी
ग़ज़ल
तूबा-ए-बहिश्ती है तुम्हारा क़द-ए-रा'ना
हम क्यूँकर कहें सर्व-ए-इरम कह नहीं सकते
बहादुर शाह ज़फ़र
कुल्लियात
था वो तो रश्क-ए-हूर-ए-बहिश्ती हमीं में 'मीर'
समझे न हम तो फ़हम का अपनी क़ुसूर था
मीर तक़ी मीर
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "bahishtii"
ग़ज़ल
ये हूर-ए-बहिश्ती की तरफ़ से है बुलावा
लब्बैक कि मक़्तल का सिला मेरे लिए है
मौलाना मोहम्मद अली जौहर
ग़ज़ल
क्या ज़ौक़-ए-इबादत हो उन को जो बस के लबों के शैदा हैं
हलवा-ए-बहिश्ती एक तरफ़ होटल की मिठाई एक तरफ़
अकबर इलाहाबादी
नज़्म
हश्र की सुब्ह दरख़्शाँ हो मक़ाम-ए-महमूद
और तन्हा कभी ताएफ़ से निकाले जाएँ
मर्हबा शुक्र का ठहराव बहिश्ती ज़ेवर
आदिल मंसूरी
ग़ज़ल
इन्हें राहों में शैख़-ओ-मुहतसिब हाइल रहे अक्सर
इन्हें राहों में हूरान-ए-बहिश्ती के ख़ियाम आए
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
बहुत ख़ूब-सूरत हमारा वतन है
सभी रंग के फूल इस में खिले हैं
बहिश्ती मनाज़िर भी इस को मिले हैं
ग़ज़नफ़र
ग़ज़ल
हैं तुझे देख के हूरान-ए-बहिश्ती बेताब
या तिरे कुश्ता-ए-अंदाज़ा-ओ-अदा को देखा
मिर्ज़ा मायल देहलवी
नज़्म
उर्दू
महव-ए-गुल-गश्त जहाँ हूर-ए-बहिश्ती मिल जाए
क़ाबिल-ए-रश्क वो गुलज़ार-ए-जिनाँ है उर्दू
अंजुम आज़मी
ग़ज़ल
सूँघती हैं उन्हें ख़ुश हो के बहिश्ती हूरें
सरफ़रोशों के बदन पर हैं जो तलवार के फूल