aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-faisla"
जाने न दूँगा आप को बे-फ़ैसला हुएदिल के मुक़द्दमे को अभी छान जाइए
जोते बोएफ़स्ल उगाए
ये लोग 'उजलत-ए-बे-फ़ाइदा में हैं मसरूफ़कहीं पहुँचते नहीं तेज़ तेज़ चल कर भी
फ़ैसला थे वक़्त का फिर बे-असर कैसे हुएसच की पेशानी पे हम झूटी ख़बर कैसे हुए
मंज़ूर कर ले फ़ैसला परवरदिगार काजब मसअला नहीं है तेरे इख़्तियार का
क़रीब हो कर दूर होने और दूर हो कर क़रीब होने की जो मुतज़ाद सूरतें हैं उन्हें शायरी में ख़ूब ख़ूब बरता गया है। एक आशिक़ इन तजर्बात से कसरत से गुज़रता है और इन लमहात को आम इंसानों से मुख़्तलिफ़ सतह पर जीता है। ये शायरी ज़िंदगी को शुऊर की एक वसी सतह पर देखती और परखती है। ये इन्तिख़ाब पढ़िए।
बे-फ़ैसलाبے فیصلہ
undecisive
Rehlat-e-Qadiyani Ba-Marg-e-Naghani Aur Faisala-e-Rabbani Bar Marg-e-Qadiyani
मोहम्मद इब्राहीम मीर सियालकोटी
Qadeem Muslman Qaziyon Ka Be-Lag Adl Aur Hukmaranon Ke Khilaf Faisle
सय्यद अब्दुस सुबूर तारिक़
Aligarh Ki Urdu Sahafat Ahd Ba Ahd
असअ'द फ़ैसल फ़ारूक़ी
Aligarh Mein Urdu Sahafat Ahad Ba Ahad
हसरत-ए-फ़ैसला-ए-दर्द-ए-जिगर बाक़ी हैऔर अभी सिलसिला-ए-शाम-ओ-सहर बाक़ी है
रात से पहले मुझे फ़ैसला करना है कोईरात आएगी तो फिर साथ ही आ जाएँगे
दर्द है कि नग़्मा है फ़ैसला किया जाएया'नी दिल की धड़कन पर ग़ौर कर लिया जाए
इल्तिजा है इज्ज़-ओ-उसरत कुन-फ़कानी और हैगुफ़तुगू-ए-बे-समर मोजिज़-बयानी और है
ख़ार-ओ-गुल का फ़ैसला होने को हैनज़्म-ए-गुलशन अब नया होने को है
फ़लक की बे-रुख़ी से तंग आ करज़मीं ने कर लिया कुछ फ़ैसला तो
कुछ फ़ैसला तो हो कि किधर जाना चाहिएपानी को अब तो सर से गुज़र जाना चाहिए
मेरे दुख की कोई दवा न करोमुझ को मुझ से अभी जुदा न करो
जागते सोते लम्हों की दर्ज़ों से होती हुईमौसमों के बदलने की धीमी खनक
किस से इज़हार-ए-मुद्दआ कीजेआप मिलते नहीं हैं क्या कीजे
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books