आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "behkana"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "behkana"
नज़्म
कभी कभी
तिरी नज़र की शुआ'ओं में खो भी सकती थी
अजब न था कि मैं बेगाना-ए-अलम हो कर
साहिर लुधियानवी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "behkana"
विषय
बहाना
बहाना शायरी
अन्य परिणाम "behkana"
ग़ज़ल
उस मय से नहीं मतलब दिल जिस से है बेगाना
मक़्सूद है उस मय से दिल ही में जो खिंचती है
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
शब बीती चाँद भी डूब चला ज़ंजीर पड़ी दरवाज़े में
क्यूँ देर गए घर आए हो सजनी से करोगे बहाना क्या
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
निसार मैं तेरी गलियों के
बहुत है ज़ुल्म के दस्त-ए-बहाना-जू के लिए
जो चंद अहल-ए-जुनूँ तेरे नाम-लेवा हैं