aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "din-bhar"
दीनू भाई पंत
लेखक
दिन भर लोग मिरेकपड़ों से मिलते हैं
दिन भर के मसरूफ़ क़दमजब लौट के घर को आते हैं
दिन दिन भर आईना देखा जाता हैतब जा कर दो चार इशारे बनते हैं
दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिनमाँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है
दिन भर ग़मों की धूप में चलना पड़ा मुझेरातों को शम्अ बन के पिघलना पड़ा मुझे
दिन-भरدن بھر
all day
Dulle Di Bar
असद सलीम शैख
भारत का इतिहास
आए दिन बहार के
फ़िल्मी-नग़्मे
Svarg Ki Khoj
ऐतिहासिक
Hamid Aur Dil Bahar
मुंशी इरशाद नबी
नॉवेल / उपन्यास
Deen-o-Duniya
अमीर चंद बहार
शाइरी
Qasr-e-Dil
अंजुम बहार शम्सी
Deen Ke Do Bhai
सय्यद मनाज़िर अहसन गीलानी
इस्लामियात
Duniya Ke Do Bhai Aur Deen Ke Do Bhai
Khizan Ke Phool Bahar Ke Din
महमूद वाजिद
अफ़साना
Dil Laho Se Bhar Gaya
मसूद तन्हा
ग़ज़ल
Pani Bhare Hai Din Ka Ujala Mere Aage
रशीद इमकान
मुट्ठी भर दिल
अली बाक़र
कि़स्सा / दास्तान
Aa Tere Naino Mein Kaajal Bhar Doon
तालिब शिमलवी
Ulama-e-Bihar Ki Deeni Wa Ilmi Khidmat Ka Tahqeeqi Mutala
महरुन्निसा
आलोचना
दिन-भर सूरज आग उगलता रहता हैचाँद भी अपने काम में उलझा रहता है
खुली खिड़की से दिन भर झाँकता हूँमैं हर चेहरे में तुझ को ढूँढता हूँ
अजीब बात है दिन भर के एहतिमाम के बा'दचराग़ एक भी रौशन हुआ न शाम के बा'द
उस के आने की दुआ होती है दिन भर लेकिनदर पे दस्तक मिरे देता है असर शाम के ब'अद
गोरी गोरी नज़्में दिन भर नाचती रहती हैंगीत गली में बाल बना कर फिरते रहते हैं
दरवाज़ों पर दिन भर की थकन तहरीर हुईमिरे शहर की शब हर चौखट की ज़ंजीर हुई
तपती हुई राहों पे फिराया मुझे दिन-भरयूँ तेरे तसव्वुर ने सताया मुझे दिन-भर
दिन भर के दहकते हुए सूरज से लड़ा हूँअब रात के दरिया में पड़ा डूब रहा हूँ
आज तो दिन भर तिरी तस्वीर हम देखा किएया'नी अपने ख़्वाब की ता'बीर हम देखा किए
दिन-भर की दौड़ रात के औहाम वसवसेठंडी सलोनी शाम की ख़ुश-बू में ढल गए
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