aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gamle"
जावेद अहमद ग़ामदी
लेखक
एहसान घमन
born.1981
शायर
गेलन गराइमस
ग़म्माज़
चाँदनी खुल के निखर आई है दरवाज़े परओस से भीगते जाते हैं पुराने गमले
ये जंगल है यहाँ घर हैं न गमलेयहीं पे खुल के मुरझाना है तुम को
बे-नुमू ख़्वाब में पैवस्त जड़ें हैं मेरीएक गमले में कोई नख़्ल जवाँ कैसे हो
पानी देने वाला जब कुछ रोज़ में उस को भूल गयाआख़िर इक दिन पौदे ने गमले में रहना छोड़ दिया
परदेस में रह कर कोई क्या पाँव जमाएगमले में लगे फूल की क़िस्मत ही अलग है
महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर। उनकी कुछ ग़ज़लें ' बाज़ार ' और ' गमन ' , जैसी फिल्मों से मशहूर
Aadhe Ghante Ka Khuda
कृष्ण चंदर
अफ़साना
गंजे फ़रिशते
सआदत हसन मंटो
पाठ्य पुस्तक
Ganje Farishte
Gham-e-Javedan
क़मर जलालवी
काव्य संग्रह
Safeena-e-Gham-e-Dil
क़ुर्रतुलऐन हैदर
नीतिपरक
ग़म-ए-दिल वहशत-ए-दिल
मोहम्मद हसन
जीवनीपरक
Kalam Baba Fareed Ganj-e-Shakar
मोहम्मद यूनुस हसरत
23 Ghante Ka Shahar
अहमद यूसुफ़
गधे की वापसी
गद्य/नस्र
Meezan
इस्लामियात
30 Ghante
जेम्स हेडले चेस
Ganj-e-Khoobi
मुल्ला हुसैन वाइज़ कशिफ़ी
कि़स्सा / दास्तान
इक़बाल और गोइटे
मोहम्मद इकराम चुग़ताई
इंतिख़ाब / संकलन
Tazkira Syedna Ghaos-e-Azam
तालिब हाशमी
क़ादरिया
Gham-e-Husain
शाह सुलैमान
वो बंद कमरे के गमले का फूल है यारोवो मौसमों का भला हाल क्या बताएगा
क्यूँ मेरी जड़ें जा के ज़मीं से नहीं मिलतींगमले की तरह सहन में रक्खा हुआ क्यूँ हूँ
जो तेरे सहन से लाता था मिट्टीउसी ने मेरे गमले तोड़ डाले
कुछ अधूरे ख़्वाब एक बॉलकनीऔर दो तीन गमले हैं
उस के क़दमों में डाल पहला फूलजिस ने मिट्टी भरी थी गमले में
खुला है फूल हर गमले में लेकिनकोई चेहरा तर-ओ-ताज़ा नहीं है
करना है बड़ा ख़ुद को तो सोच बड़ी रखनागमले में भला किस ने बरगद को उगाया है
तमाम गमलेतमाम पौदे
खिला है फूल हर गमले में लेकिनकोई चेहरा तर-ओ-ताज़ा नहीं है
मिट्टी की शह पा कर पौदागमले में भी डट जाता है
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