आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "guruur-o-naaz-o-takabbur"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "guruur-o-naaz-o-takabbur"
ग़ज़ल
ग़ुरूर-ए-नाज़ दिखा तुझ में कितना जौहर है
मिरा ख़ुलूस भी दरिया नहीं समुंदर है
ग़ौस मोहम्मद ग़ौसी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "guruur-o-naaz-o-takabbur"
अन्य परिणाम "guruur-o-naaz-o-takabbur"
शेर
न मिज़ाज-ए-नाज़-ए-जल्वा कभी पा सकीं निगाहें
कि उलझ के रह गई हैं तिरी ज़ुल्फ़-ए-ख़म-ब-ख़म में
अख़्तर ओरेनवी
ग़ज़ल
पहेली कौन बूझेगा जवाब-ए-नाज़-ए-जानाँ की
हम उस हूँ को समझते हैं नहीं की उस ने या हाँ की