आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "hasrat-o-yaas-o-gam"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "hasrat-o-yaas-o-gam"
ग़ज़ल
शफ़ीक़ बरेलवी
ग़ज़ल
इंतिहा-ए-यास-ओ-ग़म से जब गुज़र जाता हूँ मैं
हर क़दम पर इक सुकून-ए-क़ल्ब सा पाता हूँ मैं
अतीक़ अहमद अतीक़
शेर
भरी जो हसरत-ओ-यास अपनी गुफ़्तुगू में है
ख़ुदा ही जाने कि बंदा किस आरज़ू में है
जुरअत क़लंदर बख़्श
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "hasrat-o-yaas-o-gam"
अन्य परिणाम "hasrat-o-yaas-o-gam"
ग़ज़ल
हसरत-ओ-यास का इक नक़्श-ए-परेशाँ समझा
हाल-ए-उफ़्तादा दिल-ए-शाम-ए-ग़रीबाँ समझा
क़ाज़ी गुलाम मोहम्मद
ग़ज़ल
यास-ओ-उमीद-ओ-शादी-ओ-ग़म ने धूम उठाई सीने में
ख़ूब मुझे है आज धमा-धम मार-कुटाई सीने में
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
नज़्म
शाएर की तमन्ना
ग़रज़ इस हसरत-ओ-अंदोह-ओ-यास-ओ-ग़म की बस्ती में
कहीं दौर-आफ़रीं होता, कहीं दर्द-आश्ना होता
जमील मज़हरी
ग़ज़ल
मोहब्बत है अज़िय्यत है हुजूम-ए-यास-ओ-हसरत है
जवानी और इतनी दुख भरी कैसी क़यामत है