आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "manch"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "manch"
नज़्म
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अन्य परिणाम "manch"
नज़्म
जगमगा उट्ठा है रंग मंच
आओ ज़िंदगी ज़िंदगी खेलें
ये झूट है कि मैं तुम्हारे लिए चाँद तोड़ के ला सकता हूँ
अमित ब्रिज शॉ
नज़्म
सब की प्यास बुझाओ
मेंडक राग सुना तो झींगुर दौड़े दौड़े आएँ
रंग-मंच पर आने से वो पीछे क्यों रह जाएँ
अब्दुर्रहीम नश्तर
शायरी के अनुवाद
रौशनी और परछाईं के क़दीम रंग-मंच पर
शाम की परछाईं में वो आहिस्ता से ग़ाएब हो जाते हैं
रबीन्द्र नाथ टैगोर
नज़्म
नवा-ए-पैरा-ए-कार-गह-ए-शीशा-गरी
सोता रह गया कैसे
तभी बेदार सूना मंच बे-सामान-ओ-गुमान