आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "masti-e-kaa.enaat"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "masti-e-kaa.enaat"
ग़ज़ल
कहती है उन की मस्ती होश आए तो मैं पूछूँ
ऐ बे-ख़ुदी बता दे इस वक़्त मैं कहाँ हूँ
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "masti-e-kaa.enaat"
नज़्म
शाम-ए-अयादत
ब-मस्ती-ए-जमाल-ए-काएनात, ख़्वाब-ए-काएनात
ब-गर्दिश-ए-निगाह दौर-ए-आसमाँ लिए हुए
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
ख़ुशा ज़मानत-ए-ग़म
रवाँ रहे ये रिवायत, ख़ुशा ज़मानत-ए-ग़म
नशात-ए-ख़त्म-ए-ग़म-ए-काएनात से पहले
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
जिब्रईल-ओ-इबलीस
जिस की नौमीदी से हो सोज़-ए-दरून-ए-काएनात
उस के हक़ में तक़्नतू अच्छा है या ला-तक़्नतू
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
ज़ौक़-ए-तलब है हासिल-ए-हुस्न-ए-तमाम-ए-काएनात
तालिब-ए-दीद भी तो हो जलवोें की कुछ कमी नहीं
आरज़ू सहारनपुरी
ग़ज़ल
दीदा-ओ-दिल पे किया करती है क्या क्या जादू
मस्ती-ओ-शोख़ी-ए-चश्मान-ए-ग़ज़ालाँ हर शब