आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mimbar-o-mehraab"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "mimbar-o-mehraab"
ग़ज़ल
मिम्बर-ओ-मेहराब में सब बुझ गए रक्खे हुए
हम जले हैं हम कि जो थे ताक़ पे रखे हुए
ज़हीर मुश्ताक़ राना
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "mimbar-o-mehraab"
ग़ज़ल
यूँ तो हर तरह मसाइल में इज़ाफ़ा है मगर
क़िस्सा-ए-मिम्बर-ओ-मेहराब वही है कि जो था
सय्यद मुज़फ़्फ़र अहमद ज़िया
नज़्म
शाइ'र
मस्जिद-ओ-मिम्बर-ओ-मेहराब का पाबंद है तू
मैं हर इक ज़र्रे में तनवीर-ए-ख़ुदा पाता हूँ
मैकश हैदराबादी
ग़ज़ल
हमारे ज़ेहन ज़ंग-आलूद दस्त-ओ-पा हैं नाकारा
हम अब तारीख़ ज़ेर-ए-मिम्बर-ओ-मेहराब लिक्खेंगे