आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mistar"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "mistar"
ग़ज़ल
ईजाद ग़म हुआ दिल-ए-मुज़्तर के वास्ते
पैदा जुनूँ हुआ है मिरे सर के वास्ते
मुंशी देबी प्रसाद सहर बदायुनी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "mistar"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "mistar"
कुल्लियात
उस्तुख़्वाँ सब पोस्त से सीने के आते हैं नज़र
इश्क़ में उन नौ-ख़तों के 'मीर' मैं मिस्तर हुआ
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
देखी शिकन जो उन की जबीं की इताब में
मिस्तर के ख़त दिखाई दिए आफ़्ताब में
मुंशी ठाकुर प्रसाद तालिब
कुल्लियात
था नविश्ते में कि यूँ सूख के मरिए उस बिन
उस्तुख़्वाँ तन पे नुमूदार हैं सब मिस्तर से
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
जल्वे दिखलाने लगी सफ़हा-ए-तन पर क्या क्या
फ़र्त-ए-काहिश से हर इक रग रग-ए-मिस्तर के एवज़
मुंशी खैराती लाल शगुफ़्ता
ग़ज़ल
वरक़-ए-गुल पे तिरे चेहरे की लिखता तौसीफ़
रग-ए-बुलबुल से अगर रिश्ता-ए-मिस्तर होता
राजा गिरधारी प्रसाद बाक़ी
ग़ज़ल
ख़ून-ए-जिगर का हाल 'फ़तव्वत' मैं जब लिखा
मिस्तर का हो गया है हर इक तार तार सुर्ख़
फ़त्तावत औरंगाबादी
नज़्म
शिकवा
नग़्मे बेताब हैं तारों से निकलने के लिए
तूर मुज़्तर है उसी आग में जलने के लिए