आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naGme"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "naGme"
नज़्म
शिकवा
बादा-कश ग़ैर हैं गुलशन में लब-ए-जू बैठे
सुनते हैं जाम-ब-कफ़ नग़्मा-ए-कू-कू बैठे
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मैं पल दो पल का शा'इर हूँ
मुझ से पहले कितने शा'इर आए और आ कर चले गए
कुछ आहें भर कर लौट गए कुछ नग़्मे गा कर चले गए
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
वो जब भी करते हैं इस नुत्क़ ओ लब की बख़िया-गरी
फ़ज़ा में और भी नग़्मे बिखरने लगते हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "naGme"
नज़्म
वो सुब्ह कभी तो आएगी
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नग़्मे गाएगी
वो सुब्ह कभी तो आएगी
साहिर लुधियानवी
नज़्म
ये मेरी ग़ज़लें ये मेरी नज़्में
ये दुख के नौहे ये सुख के नग़्मे
जो कल मिरे थे वो अब तिरे हैं
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
शफ़क़ धनक महताब घटाएँ तारे नग़्मे बिजली फूल
इस दामन में क्या क्या कुछ है दामन हाथ में आए तो
अंदलीब शादानी
ग़ज़ल
शकील बदायूनी
नज़्म
उमीद
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख सागर छलकेगा
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नग़्मे गाएगी
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मजबूरियाँ
मैं आहें भर नहीं सकता कि नग़्मे गा नहीं सकता
सकूँ लेकिन मिरे दिल को मयस्सर आ नहीं सकता