आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nigaah-e-husn-e-shu.uur"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "nigaah-e-husn-e-shu.uur"
ग़ज़ल
निगाह-ए-हुस्न-ए-तलब एहतिराम किस का था
किया जो नज़रों से तू ने सलाम किस का था
अब्दुल मजीद दर्द भोपाली
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "nigaah-e-husn-e-shu.uur"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "nigaah-e-husn-e-shu.uur"
ग़ज़ल
निगाह-ए-हुस्न जब गोया हो तो तस्वीर बनती है
दिगर ख़ूबी तो बस तस्वीर की तफ़्सीर होती है
प्रोफ़ेसर महमूद आलम
ग़ज़ल
हम और रस्म-ए-बंदगी आशुफ़्तगी उफ़्तादगी
एहसान है क्या क्या तिरा ऐ हुस्न-ए-बे-परवा तिरा
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
शफ़क़ शफ़क़ मुझे देखे निगाह-ए-हुस्न-ए-शुऊ'र
नक़ीब-ए-मेहर बनूँ नग़मा-ए-सहर में रहूँ
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
क़ितआ
मुजरिम-ए-सरताबी-ए-हुस्न-ए-जवाँ हो जाइए
गुल-फ़िशानी ता-कुजा शोला-फ़िशाँ हो जाइए