आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "paas-e-raaz-e-KHat"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "paas-e-raaz-e-KHat"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "paas-e-raaz-e-KHat"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "paas-e-raaz-e-KHat"
ग़ज़ल
ताबिंदा हुस्न-ए-राज़-ए-बहाराँ हमीं से है
नज़्म-ए-ख़िज़ाँ जो है तो हिरासाँ हमीं से है
अर्श सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
हया इख़्फ़ा-ए-राज़-ए-दिल की इक तदबीर होती है
नज़र झुकती है वो जिस में कोई तहरीर होती है
अर्शद बिजनौरी
शेर
ज़ब्त-ए-राज़-ए-ग़म पे सौ जानें भी कर देते निसार
क्या बताएँ बस ज़बाँ पर उन का नाम आ ही गया
रशीद शाहजहाँपुरी
ग़ज़ल
जब तक कि ख़ूब वाक़िफ़-ए-राज़-ए-निहाँ न हूँ
मैं तो सुख़न में इश्क़ के बोलूँ न हाँ न हूँ
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
महरम-ए-राज़-ए-हरम हूँ वाक़िफ़-ए-बुत-ख़ाना हूँ
मैं रह-ओ-रस्म-ए-मोहब्बत का मगर दीवाना हूँ
करम हैदरी
शेर
कभी हो सका तो बताऊँगा तुझे राज़-ए-आलम-ए-ख़ैर-ओ-शर
कि मैं रह चुका हूँ शुरूअ' से गहे ऐज़्द-ओ-गहे अहरमन