aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "raah-e-dil"
जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल सेदिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
अब आप रह-ए-दिल जो कुशादा नहीं रखतेहम भी सफ़र-ए-जाँ का इरादा नहीं रखते
राह-ए-दिल को रौंद कर आगे निकल जाएँगे लोगआँख में उठता ग़ुबार-ए-क़ाफ़िला रह जाएगा
क़दमों का रह-ए-दिल पे निशाँ कोई नहीं थामुद्दत से यहाँ गश्त-कुनाँ कोई नहीं था
घबरा के किस को राह में ऐ 'दिल' पुकारतेअपने सिवा क़रीब-ए-रग-ए-जाँ कोई न था
स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध।
राह-ए-दिलراہ دل
way of heart
Raz-e-dil
नवाब ज़ैदी
नॉवेल / उपन्यास
Raaz-e-Dil
दीबा ख़ानम
उपन्यास
Iqbal Rooh-e-Deen Ka Shanasa
सैय्यद अली गिलानी
इक़बालियात तन्क़ीद
Rooh-e-Dil
रईस अख़तर
काव्य संग्रह
Rahbar Rah Mustaqim-e-Din
मौलवी शाह मोहम्मद
इस्लामियात
Sab Ras
मुल्ला वजही
फ़िक्शन
दास्तान
Masnavi Kadam Rao Padam Rao
फ़ख़्र-ए-दीन निज़ामी
मसनवी
हर्फ़-ए-दिल रस
शानुल हक़ हक़्क़ी
Sab Ras (Qissa-e-Husn-o-Dil)
Sab-Ras
Sheesha-e-Dil
निसार रही
अफ़साना
Sada-e-Dil
राम नाथ शर्मा रमन अमरोहवी
आप जिस रह-गुज़र-ए-दिल से कभी गुज़रे थेउस पे ता-उम्र किसी को भी गुज़रने न दिया
ये राह-ए-इश्क़ है आख़िर कोई मज़ाक़ नहींसऊबतों से जो घबरा गए हों घर जाएँ
वो ख़ुदा हो कि नाख़ुदा ऐ 'दिल'डूबना है तो सोचता क्या है
कितना हसीं था जुर्म-ए-ग़म-ए-दिल कि दो-जहाँदर पे हैं आज तक मिरे रंग-ए-क़ुबूल के
इस शहर में तो कुछ नहीं रुस्वाई के सिवाऐ 'दिल' ये इश्क़ ले के किधर आ गया तुझे
खेल समझे हो ऐ दिल जिसेज़िंदगी है तमाशा नहीं
इश्क़ में राज़-ए-बक़ा क्या है ख़बर थी हम कोहम ने कुछ सोच समझ कर ही फ़ना माँगी थी
कुछ दूर नहीं मंजिल-ए-मक़्सूद-ए-तमन्नाइक फासला-ए-क़ुर्ब-ए-रग-ए-जाँ से गुज़र जा
फ़ा’इलातुन का नशा जिन पे चढ़ा है ऐ दिलवो मेरे फ़न की सताइश नहीं करने वाले
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books